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कोरोना के कहर के बीच राहत भरी खबर, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की शोध में सामने आई ये बात

जब देश और दुनिया में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है, ऐसे समय में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर से राहत भरी खबर आई है.

Updated on: 24 Nov 2020, 05:35 PM

जयपुर :

जब देश और दुनिया में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है, ऐसे समय में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर से राहत भरी खबर आई है. शोध में सामने आया है कि गुडुची ना केवल कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में कारगर है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला भी है. गिलोय की गोली से मरीज 5 से 7 दिन में नेगेटिव भी हो सकते हैं. जयपुर, जोधपुर, अजमेर और कोटा समेत छह जिलों के 18 से 70 साल तक की उम्र के 10,000 लोगों पर इसका परीक्षण किया गया है. ICMR को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है. 

डॉक्‍टरों का कहना है कि गिलोय मनुष्य में इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार, एलोपैथी की अलग-अलग दवाइयां कोरोना संक्रमित को जहां 10 से 12 दिन में पॉजिटिव से नेगेटिव कर रही है, वहीं गिलोय टेबलेट से मरीज 5 से 7 दिन में नेगेटिव हो रहे हैं.

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के निदेशक डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक जयपुर मिनिस्ट्री ऑफ आयुष की ओर से प्रदेश के छह जिलों में रिसर्च हुआ. इनमें से जयपुर, जोधपुर, अजमेर, टोंक, कोटा शहर को भी शामिल किया गया. आयुर्वेदिक विभाग की ओर से 10 हजार लोगों का चयन किया गया. नॉन कोरोना मरीजों को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर कोरोना से बचाव के लिए गुडूची घनवटी दी गई. इसमें 18 से 70 साल के लोगो को शामिल किया गया.

डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि 5 हजार ऐसे लोग जिनमे खांसी, जुकाम और गले में खरास के लक्षण थे, उन्‍हें 47 दिन तक गिलोय की गोली दी गई. केवल 15 लोग संक्रमित हुए. 

फिलहाल राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की शोध को राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित करने के लिए भेज दिया है. क्‍लीनिकल ट्रायल के प्राम्भिक परिणामों की शोध रिपोर्ट आयुष मंत्रालय और ICMR को भेजी गई है. अब इलाज के लिए हरी झंडी मिलने का इंतजार किया जा रहा है.