logo-image

खुशखबरी: खोजी गई डायबिटीज के लिए रामबाण दवा, AIIMS के डॉक्टर्स का दावा

डायबिटीज मरीजों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. एम्स दिल्ली ने डायबिटीज के असरदार इलाज के लिए रामबाण दवा खोज ली है.

Updated on: 29 Jan 2021, 03:31 PM

नई दिल्ली:

डायबिटीज मरीजों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. एम्स दिल्ली ने डायबिटीज के असरदार इलाज के लिए रामबाण दवा खोज ली है. एम्स के डॉक्टर ने डायबिटीज से पीड़ित और कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रामबाण दो चिकित्सा पैथी यानी एलौपैथी और आयुर्वेद की कुछ दवाइयों को मिलाकर एक नई दवा बनाई है. डॉक्टर्स ने दावा किया है कि यह दवा डायबिटीज के मरीजों को कोरोना संक्रमण के दौरान राहत देगी. एम्स के डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि इस दवा से दिल संबंधी बीमारियों की आशंकाएं भी कम हो जाएंगी.

यह भी पढ़ें: इंफेक्शन से मुक्त मेडिकल प्रत्यारोपण के लिए IIT दिल्ली ने की महत्वपूर्ण खोज 

एम्स के डॉक्टर्स ने दावा किया है कि एलोपैथी और बीजीआर-34 दोनों दवाओं को एक साथ देने से डायबिटीज की बीमारी में बड़ा लाभ मिल सकता है. इसके अलावा रोग की वजह से होने वाले हार्टअटैक का खतरा भी कम किया जा सकता है. डॉक्टर्स ने बताया है कि इस दवा से खून की नलियों और कोशिकाओं में बुरे कोलेस्ट्रोल नहीं जम पाते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एम्स दिल्ली के डॉक्टर्स ने आयुर्वेदिक दवा बीजीआर-34 की एंटी डायबिटिक क्षमता का पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया है. एम्स के फॉर्मोकोलॉजी विभाग के डॉ. सुधीर चंद्र सारंगी की निगरानी में अध्ययन किया जा रहा है. बताया जाता है कि इस शोध को तीन चरणों में किया जा रहा है. अभी इसका पहला चरण पूरा हुआ है, जिसके परिणाम बेहद उत्साहजनक रहे हैं.

यह भी पढ़ें: आम आदमी को मिली बड़ी राहत, दिल्ली में सरकारी अस्पतालों की ये सेवाएं हुई बहाल

शोध के अनुसार, आयुर्वेदिक दवा बीजीआर-34 और एलोपैथिक दवा ग्लिबेनक्लामीड का पहले अलग-अलग परीक्षण किया है और बाद में दोनों दवाओं का एक साथ परीक्षण किया गया. दोनों परीक्षण के परिणामों से पता चला कि दोनों दवाओं को एक साथ देने से असर दोगुना होता है. दोनों दवाओं को एक साथ देने से इंसुलिन के स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है, जबकि लेप्टिन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है.

डॉक्टरों की मानें तो इंसुलिन का स्तर बढ़ने पर डायबिटीज कम होती है, जबकि लेप्टिन हार्मोन कम होने से मोटापा और मेटाबॉलिज्म से जुड़े अन्य निगेटिव प्रभाव कम होते हैं. इन दोनों दवाओं के इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल में ट्राइग्लिसराइड्स और वीएलडीएल का स्तर भी कम होने लगता है. इसका मतलब यह है कि डायबिटीज रो‌गियों में हार्टअटैक की आशंका कम होती है.