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कोरोना वायरस के चलते खात्‍मे के कगार पर यह बीमारी! हर साल होती थीं लाखों लोगों की मौत

कोरोना वायरस से अब तक पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग अब भी संक्रमित हैं. अब तक इस बीमारी का इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. उधर, ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस के दौर में फ्लू की बीमारी खात्‍मे के कगार पर है

Updated on: 25 Oct 2020, 05:23 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) से अब तक पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग अब भी संक्रमित हैं. अब तक इस बीमारी का इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. उधर, ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस के दौर में फ्लू (Flu) की बीमारी खात्‍मे के कगार पर है. इस बात का भी दावा किया जा रहा है कि कोरोना के चलते फ्लू के मामले घट रहे हैं. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस डेटा के मुताबिक, फ्लू के केस में काफी कमी देखने को मिल रही है. पिछले साल के मुकाबले 98% की गिरावट देखने को मिल रही है. डेटा के अनुसार, 2020 के अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया में फ्लू के 14 मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले साल यह संख्‍या 367 से अधिक थी. ऑस्ट्रेलिया में हर साल जून में फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं लेकिन इस बार अब तक एक भी केस दर्ज नहीं किया गया है. ब्रिटेन की बात करें तो वहां इस साल मार्च से अब तक 767 मामले आए हैं, जबकि पिछले साल इन्‍हीं दिनों में करीब 7000 केस सामने आए थे.

WHO (विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन) की रिपोर्ट बताती है कि फ्लू यानी इंफ्लूएंजा से हर साल दुनिया भर में ढाई से 5 लाख तक लोगों की मौत हो जाती है. इस मामले में जानकारों का कहना है कि इम्यून सिस्टम पहले संक्रमण के बाद एक्टिव होते हैं और वायरस को खत्म कर देते हैं. इसी दौरान अगर कोई दूसरा वायरस शरीर में आता है तो उसे भी इम्यून सिस्टम खत्म कर देता है. ऐसी स्थिति में यह संभव है कि कोरोना की इम्यूनिटी के चलते फ्लू के वायरस टिक नहीं पा रहे हैं.

अन्‍य विशेषज्ञों का कहना है कि परजीवी वायरस एक बार व्यक्ति के सेल में घुस जाते हैं तो वे नहीं चाहते कि कोई अन्य वायरस आए. इसलिए शरीर में जो वायरस पहले पहुंचते हैं, वह दूसरे वायरस का खात्‍मा कर देते हैं. हालांकि जानकार इस मामले में अभी किसी निष्‍कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं और इस बारे में अधिक से अधिक अध्‍ययन की जरूरत पर बल दे रहे हैं.