अगर आप इन दिनों उदास हो तो ऐसा महसूस करने वाले आप अकेले नहीं है। सब कुछ ठीक होने के बाद बेचैनी महसूस करना और परेशान रहना के कही कुछ हो न जाये ऐसा महसूस करना सितंबर के महीने में अक्सर होता है।
अगर आप के साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो आप 'सेप्टेंबर ब्लू' के शिकार है। आमतौर पर इस महीने में ज्यादातर लोग ऐसा महसूस करते है।
इस मौसम से जुड़ी हुई मानसिक हालत को सेप्टेंबर ब्लू कहा जाता है जिसका मतलब है उदासी भरा मौसम।
ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि दक्षिणी गोलार्द्ध की अपेक्षा उत्तरी गोलार्द्ध यानी पश्चिमी देशों में तो इस मौसम की उदासी और गहरी हो जाती है।
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'सेप्टेंबर ब्लू' से बचने और इस मौसम का लुत्फ़ उठाने के लिए आपको ध्यान रखना होगा।
ब्रिटेन की सरकारी स्वास्थ्य सेवा एनएचएस के अनुसार, ब्रिटेन में 15 में से एक व्यक्ति सेप्टेंबर ब्लू से पीड़ित है।
शरद आते- आते ये अहसास और बढ़ जाता है। एसएडी ऐसी बीमारी है जिसमें लोग शरद और सर्दी के मौसम में अवसादग्रस्त हो जाते हैं।
ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि सूरज की रोशनी दिमाग के उस हिस्से पर असर डालती है जो सोने और ऊर्जा स्तर का नियमन करती है।
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एनेक्सिटी यूके से जुड़ी निकी लिडबेटर ने बताया कि ऐसा हर साल होता है और लगता है कि गर्मियों में लोगों का मूड अच्छा रहता है।
उनके अनुसार, सूरज की रोशनी जब पर्याप्त होती है तो माहौल खुश और आरामदायक होता है।
शरद में ये एहसास भर जाता है कि गर्मी चली गई और कुछ खोने जैसे का अहसास होता है।
निकी ने बताया कि सितंबर में लगता है कि ये समय थोड़ा गंभीर हो जाने का है और इससे एक किस्म की बेचैनी भी हो सकती है।
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HIGHLIGHTS
- ब्रिटेन में 15 में से एक व्यक्ति 'सेप्टेंबर ब्लू' से पीड़ित
- लोग शरद और सर्दी के मौसम में अवसादग्रस्त हो जाते है
Source : News Nation Bureau