कोरोना के खिलाफ एक और हथियार Covovax वैक्सीन जल्द होगा तैयार
भारत में वैक्सीन का उत्पादन कर रही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) नोवावैक्स ( Covovax ) की मैनुफैक्चरिंग (Manufactured) की भी पार्टनर है. वहीं, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदार पुनावाला ने कहा कि नोवावैक्स (Covovax) के पहले बैच को देखने के लिए उत्साहित हूं.
highlights
- अमेरिका की आधी से ज्यादा आबादी कोरोना रोधी टीके की कम से कम एक खुराक ले चुकी है
- अमेरिका और मेक्सिको में 18 साल और इससे ज्यादा उम्र के करीब 30,000 लोग शामिल थे
- कोरोना के 77 मामले आए, जिनमें से 14 उस समूह से थे जिन्हें टीका दिया गया
नई दिल्ली:
भारत में वैक्सीन का उत्पादन कर रही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) नोवावैक्स ( Covovax ) की मैनुफैक्चरिंग (Manufactured) की भी पार्टनर है. वहीं, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदार पुनावाला ने कहा कि नोवावैक्स (Covovax) के पहले बैच को देखने के लिए उत्साहित हूं. इस सप्ताह पुणे में हमारी सुविधा में निर्मित (Manufactured ) किया जा रहा है. टीके में 18 साल से कम उम्र की हमारी आने वाली पीढ़ियों की रक्षा करने की काफी क्षमता है. जिसका परीक्षण जारी हैं. बहुत अच्छा किया टीम सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया.
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बता दें कि नोवावैक्स ने कहा था कि उसकी योजना सितंबर अंत तक अमेरिका, यूरोप और अन्य जगहों पर टीके के इस्तेमाल के लिए मंजूरी लेने की है और तबतक वह एक महीने में 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने में सक्षम होगी. नोवावैक्स के मुख्य कार्यपालक स्टेनली एर्क ने एपी से कहा, हमारी शुरूआती कई खुराकें निम्न और मध्य आय वाले देशों में जाएंगी.
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विकासशील देशों में एक फीसदी से भी कम लोगों ने टीके की एक खुराक ली है
‘आवर वर्ल्ड इन डेटा’ के अनुसार, अमेरिका की आधी से ज्यादा आबादी कोरोना रोधी टीके की कम से कम एक खुराक ले चुकी है, जबकि विकासशील देशों में एक फीसदी से भी कम लोगों ने टीके की एक खुराक ली है. नोवावैक्स के अध्ययन में अमेरिका और मेक्सिको में 18 साल और इससे ज्यादा उम्र के करीब 30,000 लोग शामिल थे, उनमें से दो तिहाई को तीन हफ्तों के अंतराल पर टीके की दो खुराकें दी गईं जबकि शेष को अप्रभावी (डमी) टीका दिया गया. कोरोना के 77 मामले आए, जिनमें से 14 उस समूह से थे जिन्हें टीका दिया गया जबकि शेष मामले उनमें थे जिन्हें अप्रभावी (डमी) टीका दिया गया था. टीका लगवाने वाले समूह में किसी की भी बीमारी मध्यम या गंभीर स्तर पर नहीं पहुंची. टीका वायरस के कई स्वरूपों पर असरदार रहा जिनमें ब्रिटेन में सामने आया स्वरूप भी शामिल है, जो अमेरिका में काफी फैला है. साथ में यह टीका उच्च खतरे वाले समूह पर भी प्रभावी रहा, जिनमें बुजुर्ग और स्वास्थ्य दिक्कतों का सामना करने वाले लोग शामिल हैं.
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