Advertisment

भारत की हर तीसरी महिला इस दर्द से है परेशान, इनमें कहीं आप तो नहीं?

जो महिलाएं अपने लक्षणों को इग्‍नोर करती हैं इसलिए उनमें यह समस्या अधिक बढ़ जाती है.

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
भारत की हर तीसरी महिला इस दर्द से है परेशान, इनमें कहीं आप तो नहीं?

प्रतिकात्‍मक चित्र

Advertisment

भारत में अधिकतर महिलाएं पेट के निचले हिस्से के दर्द से परेशान रहती हैं. पीरियड्स के दौरान यह समस्या बढ़ जाती है. अगर पेट दर्द की समस्या छह महीने से अधिक समय तक बनी रहती है तो यह पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (PCS) का कारण हो सकता है. अगर पूरे देश की बात करें हर तीन में से एक महिला अपने जीवन के किसी न किसी स्तर पर पेल्विक पेन (Pelvic congestion syndrome) से पीड़ित होती है.

स्‍त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ इरम के अनुसार, "पेट के निचले भाग में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, उसमें से सबसे सामान्य कारणों में से एक है पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (Pelvic congestion syndrome). यह युवा महिलाओं में अधिक देखा जाता है. पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (Pelvic congestion syndrome) को पेल्विक वेन इनकम्पेटेंस या पेल्विक वेनस इनसफिशिएंशी भी कहते हैं."

यह भी पढ़ेंः अगर आप भी Earphone और Headphone का करते हैं ज्‍यादा इस्‍तेमाल तो पढ़ें यह खबर..

डॉ इरम के अनुसार, "यह महिलाओं में होने वाली एक चिकित्सीय स्थिति है. इस स्थिति में तेज दर्द होता है जो खड़े होने पर और बढ़ जाता है, लेटने पर थोड़ा आराम मिलता है. पीसीएस (Pelvic congestion syndrome) जांघों, नितंब या योनि क्षेत्र की वैरिकोस वेन्स से संबंधित होता है. इसमें शिराएं सामान्य से अधिक खिंच जाती हैं."

यह भी पढ़ेंः हार्ट अटैक के एक महीने पहले दिखते हैं ये लक्षण, वक्त रहते पहचान लें वरना..

वहीं डॉ. रश्‍मि ने बताया, "जो युवा महिलाएं मां बन चुकी हैं , उनमें यह समस्या अधिक होती है. क्योंकि इस आयुवर्ग की महिलाएं अपने लक्षणों को इग्‍नोर करती हैं इसलिए उनमें यह समस्या अधिक बढ़ जाती है. पीसीएस का कारण स्पष्ट नहीं है. हालांकि शरीर रचना या हार्मोन्स के स्तर में किसी प्रकार की गड़बड़ी इसका कारण हो सकती है. इससे प्रभावित होने वाली अधिकतर महिलाएं 20-45 वर्ष आयुवर्ग की होती हैं और जो कई बार गर्भवती हो चुकी होती हैं."

यह भी पढ़ेंः Sex Life: औरतों के मुकाबले पुरुषों में 3 गुना ज्यादा होती है यह चीज

उन्होंने कहा, "गर्भावस्था के दौरान हार्मोन संबंधी बदलावों, वजन बढ़ने और पेल्विक क्षेत्र की एनाटॉमी में परिवर्तन आने से अंडाशय की शिराओं में दबाव बढ़ जाता है जिससे शिराओं की दीवार कमजोर हो जाती है जिससे वह सामान्य से अधिक फैल जाती हैं."

यह भी पढ़ेंः KISS केवल प्रेम के इजहार का ही तरीका नहीं, इसमें छुपा है बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य का राज

बता दें कि एस्ट्रोजन हार्मोन शिराओं की दीवार को कमजोर कर देता है. सामान्य शिराओं में रक्त पेल्विस से ऊपर हृदय की ओर बहता है और शिराओं में मौजूद वॉल्व के कारण इसका वापस शिराओं में फ्लो नहीं होता है. जब अंडाशय की शिराएं फैल जाती हैं, वॉल्व पूरी तरह से बंद नहीं होता है जिससे रक्त वापस बहकर शिराओं में आ जाता है, जिसे रिफ्लक्स के नाम से भी जाना जाता है जिसके परिणामस्वरूप पेल्विस क्षेत्र में रक्त की मात्रा बहुत बढ़ जाती है.

यह भी पढ़ेंः अगर चाहते हैं पार्टनर के साथ हाई रोमांस तो करें इन 'साधारण' से नियमों का पालन

इसका सबसे प्रमुख लक्षण पेट के निचले भाग में दर्द होना है. यह अधिक देर तक बैठने या खड़े रहने के कारण गंभीर हो जाता है. इसके कारण कई महिलाओं में पैर में भारीपन भी लगता है. इरम ने बताया कि, "इसके अलावा पीसीएस में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे पेल्विक क्षेत्र में लगातार दर्द होना. पेट के निचले भाग में मरोड़ अनुभव होना. पेल्विक क्षेत्र में दबाव या भारीपन अनुभव होना. शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होना. यूरीन या मल त्यागते समय दर्द होना. लंबे समय तक बैठने या खड़े होने में दर्द होना. सेक्स के दौरान भी दर्द हो सकता है."

HIGHLIGHTS

  • इसका सबसे प्रमुख लक्षण पेट के निचले भाग में दर्द होना है
  • इसके कारण कई महिलाओं में पैर में भारीपन भी लगता है.
  • लंबे समय तक बैठने या शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होना

Source : DRIGRAJ MADHESHIA

Pelvic congestion syndrome periods in woman vaginal areas buttocks Varicose veins of thighs Pain Management
Advertisment
Advertisment
Advertisment