उम्र हो चुकी है 65 के पार तो भी ना हों परेशान, कम मात्रा में 'पीने' से बुजुर्ग मरीजों को नहीं होगा ये खतरा

इस अध्ययन से पता चलता है कि हर हफ्ते सात या इससे कम ड्रिंक पीने वालों की जिंदगी ड्रिंक नहीं करने वालों की तुलना में केवल एक साल बढ़ती है.

इस अध्ययन से पता चलता है कि हर हफ्ते सात या इससे कम ड्रिंक पीने वालों की जिंदगी ड्रिंक नहीं करने वालों की तुलना में केवल एक साल बढ़ती है.

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Sonam Kanojia
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फाइल फोटो

बुजुर्ग लोग जिनकी उम्र 65 साल से ज्यादा है और हाल ही में उन्हें दिल की बीमारी का पता चला हो, वे अपने दिल की चिंता किए बिना थोड़ी बहुत शराब पी सकते हैं. एक नए शोध में यह जानकारी दी गई है.

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इस अध्ययन से पता चलता है कि हर हफ्ते सात या इससे कम ड्रिंक पीने वालों की जिंदगी ड्रिंक नहीं करने वालों की तुलना में केवल एक साल बढ़ती है.

शोधकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि इस शोध का मतलब यह नहीं है कि ड्रिंक नहीं करने वाले दिल की बीमारी का पता लगने के बाद ड्रिंक करना शुरू कर दें.

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वरिष्ठ लेखक और अमेरिका के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर एल. ब्राउन ने कहा, 'अधिक शराब पीने के खतरों के बारे में हम लंबे समय से जानते हैं कि इससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है. जबकि इसके विपरीत हमारे आंकड़ों से पता चलता है कि स्वस्थ लोग थोड़ा बहुत ड्रिंक करते हैं तो उनका ड्रिंक नहीं करने वालों की तुलना में हार्ट फेलियर से लंबे समय तक बचाव होता है.'

जामा नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित इस शोध में कहा गया गया है कि जिन्हें बुजुर्ग उम्र में हार्ट फेलियर का पता चला है, उन्हें कभी भी ड्रिंक करना शुरू नहीं करना चाहिए.

इसके विपरीत अगर लोग एक या दो ड्रिंक रोजाना लेते हैं तो हार्ट फेलियर का पता चलने के बाद भी ड्रिंक करते रहने में कोई बुराई नहीं है.

Source : IANS

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