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एयर पॉल्यूशन के कारण 20 सालों में नॉन स्मोकर्स में बढ़ा लंग कैंसर का खतरा-विशेषज्ञ

सिर्फ स्मोकर्स ही नहीं नॉन स्मोकर्स भी लंग कैंसर का शिकार होते जा रहे हैं।

Updated on: 13 Oct 2017, 08:50 AM

नई दिल्ली:

एयर पॉल्यूशन देश की सबसे बड़ी समस्या होती जा रही है। जिसके कारण सिर्फ स्मोकर्स ही नहीं नॉन स्मोकर्स भी लंग कैंसर का शिकार होते जा रहे हैं।

दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के चेस्ट सर्जरी एंड लंग ट्रांसप्लांटेशन के चेयरमैन अरविंद कुमार का मानना है हैं कि दिल्ली का पॉल्यूशन लेवल चरम पर हैं, ऐसे में पटाखों पर बैन एक सही फैसला है। 

डॉ. अरविंद कुमार ने कहा, 'पटाखों के कारण सेहत को बहुत नुकसान होता है। फेफड़ों में जो कुछ भी जमा हो जाता है उसे साफ करने के लिए कोई इलाज नहीं है। पिछलों 20 सालों में लंग कैंसर के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है। अब कैंसर के सभी मामलों यह सबसे ऊपर आ गया है।'

आज 90 प्रतिशत स्मोकर्स में फेफड़ों का कैंसर देखा जा रहा है, लेकिन 40 प्रतिशत नॉन स्मोकर्स को भी फेफड़े का कैंसर हो रहा है। ये लोग भले ही सिगरेट पीते नहीं, लेकिन सांस के जरिए वैसा ही धुआं ले रहे हैं।

डॉ कुमार ने कहा कि आज ये हालात होते जा रहें है कि जन्म के साथ ही बच्चे प्रदूषित हवा में सांस ले रहा हैं। पॉल्यूशन का समाधान हमारे पास ही है, ऐसे में इस फैसले को खुशी के साथ स्वीकार करना चाहिए।

लंग कैंसर के शुरूआती लक्षण टीबी की तरह होते हैं। सही समय पर बीमारी की पहचान नहीं होने के कारण 80 से 90 प्रतिशत मरीज इलाज के लिए देरी से पहुंचते हैं।

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