कोरोना वैक्सीन पर संशय से COVID-19 टीकाकरण की रफ्तार धीमी
टीकाकरण की रफ्तार में यह सुस्ती 'इंतजार करो और देखो' वाले रवैये के चलते हो रही है. खासकर बॉयोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर चिकित्सा जगत में ऊहापोह है.
नई दिल्ली:
दुनिया में कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को भारत में वह प्रतिसाद नहीं मिल रहा है, जो इतनी बड़ी आबादी के बीच मिलना चाहिए था. पंजाब, पुडुचेरी और तमिलनाडु में अब तक कोविड-19 टीकाकरण की दर सबसे कम है. पिछले शनिवार से शुरू हुए कोरोना टीकाकरण अभियान में चार दिनों में 6.31 लाख लोगों को टीका लग चुका है. इनमें से सिर्फ 0.18 फीसदी लाभार्थियों में ही कुछ दुष्प्रभाव देखने में आए हैं. दुष्प्रभाव की वजह से 0.002 फीसदी को ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. टीकाकरण की रफ्तार में यह सुस्ती 'इंतजार करो और देखो' वाले रवैये के चलते हो रही है. खासकर बॉयोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर चिकित्सा जगत में ऊहापोह है. इस वजह से भी कोरोना के खिलाफ जंग में फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्यकर्मियों में टीकाकरण को लेकर रुचि नहीं है.
ये हैं प्रमुख राज्यों के आंकड़े
आंकड़ों की बात करें तो पंजाब में 27.6 फीसदी, पुडुचेरी में 34.6 फीसदी और तमिलनाडु में 34.9 फीसदी लाभार्थियों ने ही कोरोना का टीका लगवाया है. इसके उलट लक्षदीप में 89.3 फीसदी, सिक्किम में 85.7 फीसदी, ओडिशा में 82.6 फीसदी, तेलंगाना में 81.1 फीसदी, अरुणाचल प्रदेश में 75.4 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 71.4 फीसदी और राजस्थान में 71.3 फीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स ने टीका लगवाया है. हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो टीकाकरण को लेकर यह सुस्ती भारत में हमेशा देखी गई है. भले ही वह पोलियो के खिलाफ हो या चेचक-खसरे के. हर बार सरकार को टीकों को लेकर आम लोगों में जागरूकता अभियान चलाना पड़ा है.
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टीकाकरण की धीमी रफ्तार के कई कारण
कह सकते हैं कि भारत में कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए जितनी तेजी से वैक्सीन तैयार की गई, टीकाकरण को लेकर वैसा उत्साह दिख नहीं रहा. पहले चरण के तहत देश में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाना है. अब तक कुल 6.31 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जा सका है. टीकाकरण की रफ्तार धीमी होने की कई वजहें हैं. मसलन कई जगह कोविन एप में तकनीकी खामी और लोगों में डर. हालांकि, ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही शुरुआत में टीकाकरम की रफ्तार देखने को मिल रही है. दुनिया के जिन देशों में पहले टीकाकरण अभियान शुरू हुए, वहां भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली.
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पहले दिन सबसे ज्यादा टीका लगा
- पहला दिन 2,07,229
- दूसरा दिन 17,072
- तीसरा दिन 1,48,266
- चौथा दिन 1,77,368
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कई देशों में हुई टीकाकरण की धीमी शुरुआत
हालांकि टीकाकरण की धीमी रफ्तार को लेकर भारत को चिंता करने की जरूरत नहीं है. अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस समेत कई देशों में पिछले साल दिसंबर में ही टीका लगाने का काम शुरू हो गया था. सबसे पहले टीके को आपात मंजूरी देने के बावजूद कई देशों में लोगों में वैक्सीन को लेकर संशय है. इस कारण इन देशों में टीकाकरण की रफ्तार धीमी है. देखते हैं कि किस देश में अब तक कितनी आबादी को वैक्सीन दी जा चुकी है.
- अमेरिका 1.36 करोड़
- चीन 1 करोड़
- ब्रिटेन 42 लाख
- इजरायल 23.5 लाख
- यूएई 18.82 लाख
- रूस 15 लाख
- फ्रांस 8.5 लाख
- इटली-जर्मनी 10 लाख
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