गुरुग्राम के निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने नई तकनीक से किया रेयर ट्यूमर का इलाज
गुरुग्राम के निजी अस्पताल में उनका इलाज शुरू किया गया. जहां दो घंटे की सर्जरी के बाद सरानिया की कलाई को काटकर निकालने से बचा लिया गया.
highlights
- गुरुग्राम में ट्यूमर की नई तरीके से सर्जरी
- निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने किया ये कारनामा
- मरीज की कलाई में था ट्यूमर अंग को काटे बिना किया इलाज
नई दिल्ली:
39 वर्षीय द्विपेन कृष्णा सरानिया को बैडमिंटन खेलते समय अचानक कलाई में अकड़न का एहसास हुआ कलाई के इस हिस्से में सूजन कठोरता भी आ गई थी. सूजन के बाद भी कलाई में दर्द तो नहीं था, लेकिन कलाई में धड़कन जैसी संवेदना महसूस हो रही थी. आपको बता दें कि द्विपेन सरानिया एक एनएसजी अधिकारी के भाई हैं. दरअसल द्विपेन कृष्णा सरानिया को एक ज्वाइंट सेल ट्यूमर था जो कि त्वचा के नीचे मांसपेशियों की सतह में था और ग्रेड 1 से आगे बढ़कर ग्रेड 3 तक पहुंच चुका था. यह स्थिति बेहद गम्भीर होती है क्योंकि इसमेँ शरीर के प्रभावित हिस्से को काटने तक की नौबत आ जाती है.
गुरुग्राम के निजी अस्पताल में उनका इलाज शुरू किया गया. जहां दो घंटे की सर्जरी के बाद सरानिया की कलाई को काटकर निकालने से बचा लिया गया. इस सर्जरी में एक नई और जटिल सर्जिकल प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया. इस सर्जरी टीम के डॉ. अरविंद मेहरा, चीफ ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड ट्रॉमा और डॉ. कंदर्प विद्यार्थी, कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ ऑर्थोपेसिक्स एंड ट्रॉमा, शामिल थे.
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इस ऑपरेशन के बाद द्विपेन सरानिया को तीन दिनोँ के लिए हॉस्पिटल में रखा गया और संतोषजनक रिकवरी के बाद उन्हेँ डिस्चार्ज कर दिया गया. डॉक्टरोँ का कहना है कि सही सलाह और समय पर इलाज से उनका अंग कटने से बच गया. कलाई में सूजन और धड़कन जैसी संवेदना महसूस होना होना सिर्फ चोट का लक्षण ही नहीं बल्कि यह ट्यूमर का लक्षण भी हो सकता है.
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