अगर आपकी आहार में दूध से बनी चीज़ें जैसे दही, पनीर आदि गायब है तो आप कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारियों का शिकार हो सकते है।
हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम बेहद जरूरी है। कैल्शियम ब्लड क्लॉटिंग में भी मदद करता है। खाने में कैल्शियम की कमी से महिलाओं में हॉरमोन की समस्या हो सकती है। इससे थाइरॉयड से लेकर हड्डियों का कमज़ोर होना और किडनी में पथरी तक होना शामिल है।
कैल्शियम की कमी से कमजोर नाखून, दांत में दर्द, मासिक धर्म दर्द, धड़कन बढ़ना और नाड़ी की समस्याएं हो सकती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 14-20 साल उम्र के ज्यादातर भारतीय कैल्शियम की कमी से जूझ रहे हैं। टोफू, चीज़, वाइट बीन्स, ओटमील, सोया, सब्जियां, दही, बादाम, पनीर आदि कैल्शियम का स्रोत है।
और पढ़ें: ऐसे खिलाएं अपने बच्चों को स्वस्थ्य आहार
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि कैल्शियम की कमी को 'हायपोकैल्शिमिया' (Hypocalcemia) भी कहा जाता है। यह तब होता है जब आपको पूरा कैल्शियम नहीं मिलता। अच्छी सेहत के लिए कैल्शियम के फायदों के बारे में पता होना चाहिए।
जिन लोगों में कैल्शियम की कमी हो, उन्हें अपने आप दवा नहीं लेनी चाहिए और ज्यादा मात्रा में सप्लीमेंट्स नहीं लेने चाहिए। डॉक्टर से सलाह लें और सेहतमंद खानपान के साथ सप्लीमेट लें।
उम्र के साथ कैल्शियम की कमी हो सकती है। शरीर का ज्यादातर कैल्शियम हड्डियों में इकट्ठा होता है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां पतली और कम सघन हो जाती हैं जिससे कैल्शियम की मांग बढ़ जाती है।
भूखे रहने और कुपोषण, हार्मोन की गड़बड़ी, प्रिमैच्योर डिलीवरी की वजह से भी कैल्शियम की कमी हो सकती है। शरीर खुराक से विटामिन और मिनरल नहीं सोख पाता तब मैलएब्र्सोब्शन होता है।
और पढ़ें: अनिद्रा से बढ़ता है दिल की बीमारी होने का खतरा
कैल्शियम की कमी के लक्षण:
मसल क्रैम्प: होमोग्लोबिन और पानी की उचित मात्रा लेने के बावजूद अगर आप नियमित रूप से मसल क्रैम्प का सामना कर रहे हैं तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत हैं।
लो बोन डेनसिटी: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है कैल्शियम हड्डियों की मिनरलेजाईशन के लिए जरूरी होता है। कैल्शियम की कमी सीधे हमारी हड्डियों की सेहत पर असर करती है और ओस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्च र का खतरा बढ़ा सकती है।
कमजोर नाखून: नाखून के मजबूत बने रहने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है, उसकी कमी से वह भुरभुरे और कमजोर हो सकते हैं।
दांत में दर्द: हमारे शरीर का 90 प्रतिशत कैल्शियम दांतों और हड्डियों में जमा होता है उसकी कमी से दांतों और हड्डियों का नुकसान हो सकता है।
मासिक धर्म दर्द: कैल्शियम की कमी वाली महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान काफी तीव्र दर्द हो सकता है, क्योंकि मांसपेशियों के काम करने में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है।
एम्यूनिटी में कमी: कैल्शियम सेहतमंद रोग प्रतिरोधक क्षमता बना के रखता है। कैल्शियम में कमी पैथगॉन अटैक से जूझने की क्षमता कम कर देता है।
नाड़ी की समस्याएं: कैल्शियम कमी से न्योरोलॉजिकल समस्याएं जैसे कि सिर पर दबाव की वजह से सीजर और सिरदर्द हो सकता है। इसकी कमी से डिप्रेशन, इनसोमेनिया, पर्सनैल्टिी में बदलाव और डेम्निशिया भी हो सकता है।
धड़कन: कैल्शियम दिल के बेहतर काम करने के लिए आवश्यक है और कमी होने पर हमारे दिल की धड़कन बढ़ सकती है और बेचैनी हो सकती है। कैल्शियम दिल को रक्त पंप करने में मदद करता है।
और पढ़ें: जेनिफर विंगेट ने 'बेहद' सीरीयल छोड़ने की अफवाहों को किया खारिज कहा- इन लोगों ने की शरारत
HIGHLIGHTS
- कैल्शियम मजबूत हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है।
- कैल्शियम की कमी में अपने आप दवा नहीं लेनी चाहिए और ज्यादा मात्रा में सप्लीमेंट्स नहीं लेने चाहिए।
- भूखे रहने और कुपोषण, हार्मोन की गड़बड़ी, प्रिमैच्योर डिलीवरी की वजह से भी कैल्शियम की कमी हो सकती है।
- उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां पतली और कम सघन हो जाती है।
Source : IANS