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बर्ड फ्लू से डरें नहीं, अधपके मांस और अंडों के सेवन से बचें; विशेषज्ञों ने दी सलाह

उत्तर, पश्चिम और दक्षिण भारत के कई राज्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के मामलों में छिटपुट वृद्धि देखी जा रही है. हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में 25 हजार से ज्यादा बतख, कौवे और प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है.

Updated on: 06 Jan 2021, 03:43 PM

नई दिल्ली:

उत्तर, पश्चिम और दक्षिण भारत के कई राज्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के मामलों में छिटपुट वृद्धि देखी जा रही है. हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में 25 हजार से ज्यादा बतख, कौवे और प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है. इस खबर से जनता में दहशत फैलने लगी है. लोग पहले ही Covid-19 संक्रमण के कारण सदमे में हैं और बर्ड फ्लू जैसी एक और वायरल बीमारी आ गई है. लोगों को डर है कि कहीं ये भी महामारी में न बदल जाए. हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ऐसी संभावना को नकार दिया है और जनता को डरने के बजाय एहतियात बरतने की सलाह दी है.

डॉक्टरों का कहना है कि बर्ड फ्लू का कारण बनने वाले H5N1 वायरस के इंसान से इंसान में संचरित होने का जोखिम दुर्लभ है. ऐसा तब ही संभव है जब कोई व्यक्ति पक्षियों की संक्रमित प्रजातियों के साथ निकटता में काम करे.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिशन के प्रोफेसर डॉ. हर्षल आर. साल्वे ने आईएएनएस से कहा, "जो लोग पोल्ट्री के साथ करीब से काम करते हैं उन्हें संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है. वरना एच5एन1 वायरस के इंसान में संचरण होने का खतरा बहुत कम होता है, लिहाजा घबराने की जरूरत नहीं है."

मैक्स सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. राजीव गुप्ता कहते हैं, बर्ड फ्लू का पता बीमार पक्षियों में लगाया जाता है. इसी तरह मेडियोर कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया (दिल्ली) में प्रिवेंटिव हेल्थ एंड कंसल्टेंट मेडिसिन की प्रमुख डॉ. उपली नंदा ने यह भी कहा कि एवियन इन्फ्लुएंजा के इंसान से इंसान में फैलने की आशंका बहुत कम है.

इस बीच लोगों ने अंडे और चिकन खाना बंद कर दिया है कि कहीं इन्हें खाने से वे H5N1 वायरस से संक्रमित न हो जाएं. जबकि एवियन इन्फ्लुएंजा के प्रसार और अंडों के सेवन के बीच कोई संबंध ही नहीं है. डॉक्टरों ने डर को दूर करने के लिए कुछ समय तक अधपके पोल्ट्री प्रोडक्ट और मीट खाने से बचने का सुझाव दिया है.

डॉ. साल्वे ने कहा है, ऐसे कोई सबूत उपलब्ध नहीं है जो मांस या अंडे खाने से बर्ड फ्लू होने की बात कहते हों. फिर भी जब तक इसके मामले आना कम नहीं हो जाता है, तब तक प्रभावित क्षेत्र में कच्चे मांस और अंडे खाने से बचना चाहिए. डॉ. नंदा ने कहा, लोगों को सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए. कच्चा मीट और अंडे को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को गर्म पानी और साबुन से धोएं. कच्चे मांस को पकाते समय सुनिश्चित करें कि वह अच्छी तरह पके. मुर्गियों के सीधे संपर्क में आने से बचें. यदि मार्केट में जाने के दौरान इनके संपर्क में आना पड़े तो मास्क और ग्लब्स पहनें.

जानवरों में बीमारियों का पता लगाने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज ने आईएएनएस को बताया है कि अभी तक मुर्गी पालन से जुड़े पक्षियों में एच5एन1 वायरस की मौजूदगी नहीं पाई गई है. देश की राजधानी के सबसे बड़े पोल्ट्री मार्केट गाजीपुर मंडी के अध्यक्ष ने भी बताया है कि मुर्गियों में अब बर्ड फ्लू नहीं मिला है.