क्या कोरोना पॉजिटिव मां का दूध पीने से बच्चे हो जाते हैं संक्रमित, जानें हकीकत
इम्युनिटी क्षमता पर 8 डॉक्टरों की टीम अध्ययन करेगी. इसमें गायनी, पीडियाट्रिक्स, माइक्रोबायलोजिस्ट शामिल हैं. सरकार व एथिक्स कमेटी की ओर से सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय को 102 संक्रमित गर्भवती महिला और उनके नवजात शिशु पर अध्ययन की मंजूरी मिली.
highlights
- कोरोना पॉजिटिव मां के दूध से बच्चा संक्रमित हो सकता है!
- मां के दूध में होती है सबसे ज्यादा इम्यूनिटी, रोगों से लड़ने की क्षमता
- बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका
नई दिल्ली :
राजस्थान में भी संक्रमित गर्भवती का दूध नवजात को कोरोना से बचाने के लिए कितना कारगर हो सकता है.महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट में मां के दूध में मिलने वाली एंटीबॉडी व इम्युनिटी क्षमता पर शोध होगा. बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. राजस्थान में संक्रमित गर्भवती का दूध नवजात को कोरोना से बचाने के लिए कितना कारगर हो सकता है. एंटीबॉडी मददगार है या नहीं. इम्युनिटी क्षमता पर 8 डॉक्टरों की टीम अध्ययन करेगी. इसमें गायनी, पीडियाट्रिक्स, माइक्रोबायलोजिस्ट भी शामिल हैं. सरकार व एथिक्स कमेटी की ओर से जयपुर के सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय को 102 संक्रमित गर्भवती महिला और उनके नवजात शिशु पर अध्ययन की मंजूरी मिली है. शोध के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.
महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, यूपी के बाद राजस्थान में भी संक्रमित गर्भवती का दूध नवजात को कोरोना से बचाने के लिए कितना कारगर हो सकता है. महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट में मां के दूध में मिलने वाली एंटीबॉडी व इम्युनिटी क्षमता पर शोध होगा. बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, यूपी के बाद राजस्थान में भी संक्रमित गर्भवती का दूध नवजात को कोरोना से बचाने के लिए कितना कारगर हो सकता है.
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एंटीबॉडी मददगार है या नहीं. इम्युनिटी क्षमता पर 8 डॉक्टरों की टीम अध्ययन करेगी.इसमें गायनी, पीडियाट्रिक्स, माइक्रोबायलोजिस्ट दि शामिल हैं. सरकार व एथिक्स कमेटी की ओर से जयपुर के सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय को 102 संक्रमित गर्भवती महिला और उनके नवजात शिशु पर अध्ययन की मंजूरी मिली है. शोध के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी. महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट में 1229 संक्रमित गर्भवतियों में मात्र 12 बच्चे पॉजिटिव मिले हैं. जुलाई माह में अभी तक न तो संक्रमित गर्भवती मिली है और न ही संक्रमित बच्चा. इम्युनिटी क्षमता पर शोध अजमेर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर में भी करना प्रस्तावित है.
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डॉक्टरों के अनुसार मां के दूध में शिशु को कोरोना से बचाने की उच्च स्तर की क्षमता है. दूध पिलाने से मां से शिशुओं में संक्रमण नहीं फैलता है. अगर मां कोरोना संक्रमित है, तो भी मां का दूध संक्रमण से बचा सकता है. कोरोना से बचाने के लिए मां का दूध वरदान साबित हो सकता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, नई दिल्ली के अनुसार संक्रमित मां के दूध का सैंपल लेकर एलाइजा टेस्ट के जरिए एंटीबॉडी की जांच की जाएगी. प्रसव के 72 घंटे बाद 2 एमएल सैंपल लेंगे. महिला चिकित्सालय में एंटीबॉडी का अध्ययन किया जाएगा. सरकार से मंजूरी मिल चुकी है. इसमें मदर मिल्क बैंक का सहयोग भी लिया जाएगा. टीम में डॉ. एमएल गुप्ता, डॉ. सुनील गोठवाल, डॉ. आरएन सेहरा, डॉ. आशा वर्मा, डॉ. भारती मल्होत्रा, डॉ. आरके गुप्ता, डॉ. सीतारमण, डॉ. मधुर जैन हैं.
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