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Diabetic Retinopathy: डायबिटीज कैसे आपके आंखों को पहुंचा सकती है नुकसान, जानें इसके बचाव के उपाय

Diabetic Retinopathy: डायबिटीज आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि, हाई ब्लड शुगर लेवल रेटिना को क्षति पहुंचा सकता है, आइए जानें क्या है इसके लक्षण

Updated on: 24 Jan 2024, 09:02 PM

नई दिल्ली:

Diabetic Retinopathy: डायबिटीज एक बीमारी है जिसमे शरीर में रक्तशर्करा (ग्लूकोज) का स्तर बढ़ जाता है, क्योंकि शरीर इसे नियंत्रित से नहीं कर सकता. ग्लूकोज हमारे खाने से प्राप्त होता है और इंसुलिन नामक हार्मोन द्वारा शरीर की कोशिकाओं में प्रवाहित होता है, जिससे यह कोशिकाएँ इसे ऊर्जा में परिवर्तित करने सक्षम होती हैं. डायबिटीज रेटिना (आँखों की परत) पर बड़ा प्रभाव डालता है, इसका रेटिना पर सीधा असर होता है, जिसे "डायबेटिक रेटिनोपैथी" कहा जाता है. यह एक शुगर की बीमारी से जुड़ा हुआ विकार है जो रेटिना को प्रभावित करता है. डायबेटिक रेटिनोपैथी संपूर्ण नेत्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. इसका समय पर उचित इलाज नहीं होने पर समस्या गंभीर रूप से बढ़ सकती है. कुछ कारण जिनसे डायबीटिक रेटिनोपैथी हो सकती है.

रेटिना में मधुमेह की वजह से रक्तसंचार कम होना: अधिक शुगर से रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रेटिना में रक्तसंचार में कमी हो सकती है. इससे रेटिना के कुछ हिस्से का नुकसान हो सकता है, जिसे डायबीटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है.

रेटिना में दर्दनीय बढ़ोतरी (Swelling) और खून स्राव की कमी: शुगर के असंतुलन के कारण रेटिना के केशिकाओं में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे रेटिना सूज सकती है और खून की पहुंच में कमी हो सकती है.

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नये रक्तसंचार पथ बनना: डायबीटिक रेटिनोपैथी के कारण, रेटिना में नए रक्तसंचार पथ बन सकते हैं, जो सीधे नेत्रीय तंतुओं की दिशा में बदल सकते हैं. इससे दृष्टि की क्षमता में कमी हो सकती है.

नेत्रीय शोध (Neovascularization): डायबीटिक रेटिनोपैथी के कारण, नए रक्तसंचार पथ विकसित हो सकते है. जो नेत्रीय शोध का कारण बन सकते हैं. यह नेत्रीय शोध कंप्लीकेशन की एक रूप है जिससे बाधित होने वाले नेत्रीय तंतुओं की खपत हो सकती है.

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संरक्षण और उपचार:

डायबीटीज को नियंत्रित रखना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

नियमित रूप से आंखों की जाँच और डाइलेटिक रेटिनोपैथी स्क्रीनिंग करवाना चाहिए.

आंखों की सफाई, पूरी नींद और स्वस्थ आहार बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है.

सुनिश्चित करें कि रक्तशर्करा और रक्तचाप सामान्य हैं और उन्हें नियमित रूप से नियंत्रित किया जा रहा है.

यदि किसी को डायबीटिक रेटिनोपैथी के लक्षण महसूस होते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.