अवसादग्रस्त व्यक्ति के मस्तिष्क की संरचना में बदलाव का खतरा होता है और यह बदलाव मस्तिष्क में संचार व सोचने की क्षमता से जुड़े हिस्से में हो सकता है। निष्कर्ष में यह खुलासा हुआ है कि अवसाद से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क के व्हाइट मैटर में बदलाव पाया गया, जिसमें तंतु होते हैं और ये मस्तिष्क कोशिकाओं को इलेक्ट्रिकल सिग्नल के सहारे एक दूसरे से जोड़ने में सक्षम बनाते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि मस्तिष्क की वायरिंग में व्हाइट मैटर एक बेहद अहम हिस्सा है और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का प्रभाव भावनाओं व सोचने की क्षमता पर पड़ सकता है।
इसके अलावा, अवसाद ग्रस्त लोगों के व्हाइट मैटर की सघनता में कमी देखी गई है, जो सामान्य मानव मस्तिष्क में नहीं देखा गया है।
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग में सीनियर रिसर्च फैलो हीथर व्हाले ने कहा,'यह अध्ययन दर्शाता है कि अवसादग्रस्त लोगों के व्हाइट मैटर में बदलाव होता है, जो मस्तिष्क की वायरिंग है।' व्हाले ने कहा, 'अवसाद को तत्काल इलाज प्रदान करने की जरूरत है और इसके बारे में समझ विकसित होने पर हमें इसके प्रभावी इलाज का बेहतर मौका मिलेगा।'
अवसाद दुनिया भर में विकलांगता का एक प्रमुख कारण है।
इसे भी पढ़ें: आर्टिफिशल स्वीटनर से बढ़ सकता है मोटापा और हृदय रोग का खतरा
इस तरह से करे इलाज
डिप्रेशन के लिए दवाओं से भी ज्यादा खुद से प्यार अच्छा इलाज माना जाता है। तनाव को खुद पर हावी ना होने दे। अपनी बातों और शिकायतों को खुलकर सामने रखें। दिल ही दिल में घुटते रहना इस बीमारी को बढ़ा देता है। अकेलेपन से भी प्यार करना सीखें। ये आपको तनाव में आने से रोकेगा। जरूरत होने पर इसके लिए दवाओं को लेने से गुरेज ना करें। डिप्रेशन से निपटने के लिए किसी भी तरह की हिचकिचाहट नहीं रखनी चाहिए।
तनाव में होने पर खान पान की चीजों का ख्याल नहीं रखा जाता। सेहत पर ध्यान न देने से मोटापा, दिल के रोग, हाईपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियां होने का ख़तरा बढ़ जाता है। अकसर शराब, तम्बाकू या अन्य नशीली चीज़ों का सेवन तनाव से बचने कि लिए किया जाता है। लेकिन ऐसा करना सेहत कि लिए खतरनाक होता है। तनाव से आपकी मानसिक सेहत तक बिगड़ सकती है।
IANS के इनपुट के साथ
इसे भी पढ़ें: In Pics: दिल्ली वालों को लंदन पसंद, मुंबईकरों की बाली पसंदीदा जगह
Source : News Nation Bureau