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डिप्रेशन (फाइल फोटो)
दुनिया भर में लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस पर संयुक्त राष्ट्र ने 'डिप्रेशन' विषय पर फोकस किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) डिप्रेशन पर एक साल का कैंपेन लीड कर रहा है।
इस कैंपेन का उद्देश्य है कि दुनिया भर में जितने भी लोग डिप्रेशन का शिकार है उनकी मदद करना। इस साल की थीम 'डिप्रेशन: lets talk' है।
आजकल बदलते लाइफस्टाइल और आदतों के कारण तनाव न सिर्फ बच्चों में बल्कि वयस्कों में भी तेजी से बढ़ रहा है।
WHO के मुताबिक दुनियाभर में 30 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से ग्रस्त हैं।
डिप्रेशन के लक्षण:
- डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति को अक्सर दूसरों से घुलने-मिलने में परेशानी होती है और अन्य कार्यों को करने में मन नहीं लगता है।
- डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति को भूख नहीं लगती है, कम या ज्यादा नींद आना, तनाव , किसी काम में ध्यान लगाने में मुश्किल होना , जल्द ही उम्मीद छोड़ देना , अन्य लोगों से मिलने में कतराना डिप्रेशन की ओर इशारा करते है।
- वयस्कों के मुकाबले बूढ़े लोगों में डिप्रेशन होने का खतरा कई गुना ज्यादा होता है। ज्यादा उम्र या बूढ़े लोगों में डिप्रेशन को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है जिसकी वजह से यह लाइलाज रहता है।
- डिप्रेशन को नजरअंदाज और इलाज न करवाने से बूढ़े लोगों की मृत्यु हो जाती है।
#Depression among older people is common, but it can be treated. The first step is talking #LetsTalkhttps://t.co/8JJfqQiqDPpic.twitter.com/pp9xuSW70n
— WHO (@WHO) September 4, 2017
भारत में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। आने वाले 30 साल में ये आबादी दोगुना हो जाएगी।
करीब 40 प्रतिशत डिप्रेशन से ग्रसित बुजुर्ग एक बार अस्पताल आने के बावजूद दोबारा अस्पताल नहीं आते।
उम्र के बढ़ने साथ ही अकेलापन, आर्थिक तंगी, शारीरिक तकलीफ आदि के चलते लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
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ऐसे करें मदद:
Living with someone with #depression?
Here are 7 ways you can help #LetsTalkhttps://t.co/aqoKP663Sdpic.twitter.com/DQVvuLMRhj— WHO (@WHO) September 2, 2017
- जब आप उनसे बात कर रहे हो तो पहले उनकी सुने और समझे।
- अगर आप को ऐसा लगता है कि उन्हें डॉक्टर की जरूरत है तो उन्हें समझाये। डॉक्टर अपॉइंटमेंट के दौरान आप उनके साथ रहे ऐसा करने से वे अपनी बात बिना किसी झिझक के रख सकेंगे।
- उन्हें बात करने के लिए प्रोत्साहित करें और उनके सोने और खाने का ध्यान भी रखें।
- उन्हें दूसरों से घुलने-मिलने और बाहर जाने के लिए प्रोत्साहित करें।
- अगर अक्सर वे अपनी बातों में खुद को नुकसान पहुंचाने वाली बात कहे या संकेत दे तो उन्हें बिलकुल भी अकेला न छोड़े।
- उनके आस-पास ऐसी कोई चीज न रखें जिससे कि वे खुद को नुकसान पहुंचाए।
- जब आप किसी डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति के साथ रह रहें हो तो उनकी हर संभव मदद करें।
- उनके साथ अपने आप का भी ख्याल रखें। अपना ख्याल रखना न भूलें।
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Source : News Nation Bureau