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दिल्ली के अस्पताल ने किया आयुर्वेद का समर्थन, कहा- नहीं गई एक भी मरीज की जान

दिल्ली के एक बड़े अस्पताल ने आयुर्वेद का समर्थन किया है. अस्पताल का दावा है कि उसने अपने यहां पर आयुर्वेद से कोरोना मरीजों का इलाज किया और उसके यहां कोरोना के एक भी मरीज की जान नहीं गई है.

Updated on: 04 Jun 2021, 08:55 AM

highlights

  • अस्पताल का दावा- आयुर्वेद से ठीक किए सारे मरीज
  • 'एक भी हेल्थ केयर वर्कर कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ'
  • सिर्फ 8 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन थेरपी और एलोपैथी दवाएं दीं

नई दिल्ली:

कोरोना की दूसरी लहर (Corona 2nd Wave) ने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया. लाखों लोग इस महामारी के कारण जिंदगी की जंग हार गए. हर कोई इस खतरनाक वायरस (COVID-19) के सटीक इलाज की खोज कर रहा है. तो वहीं दूसरी ओर आज एलोपैथी बनाम आयुर्वेद (Ayurveda Vs Allopathy) पर घमासान मचा हुआ है. बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के एक बयान का देश के तमाम डॉक्टरों ने विरोध किया. इसी बीच दिल्ली के एक बड़े अस्पताल ने आयुर्वेद का समर्थन किया है. अस्पताल का दावा है कि उसने अपने यहां पर आयुर्वेद से कोरोना मरीजों का इलाज किया और उसके यहां कोरोना के एक भी मरीज की जान नहीं गई है.

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अस्पताल ने दावा किया है कि उसके यहां कोरोना से संक्रमित लगभग 271 मरीज भर्ती हुए थे और सभी चुस्त दुरुस्त होकर घर लौटे. उसने दावा किया कि उसके यहां किसी भी मरीज की कोरोना संक्रमण से मौत नहीं हुई है. अस्पताल ने मीडिया को बताया कि आयुष मंत्रालय की ओर से कोविड को लेकर जो आयुरक्षा किट (अणु तेल, च्यवनप्राश, संशमनी वटी, आयुष क्वाथ) को बनाया गया था, उसका इस्तेमाल काफी कारगर रहा. अधिकतर मरीज इसी से ठीक हुए. अस्पताल ने कहा कि इसके अतिरिक्त हमने कोविड मरीजों के लिए अलग से ओपीडी बनाया था जहां बड़ी संख्या में मरीजों का ट्रीटमेंट हुआ और मरीज ठीक होकर घर गए.

अस्पताल ने कहा कि अभी तक हमारे पास 271 कोरोना संक्रमित मरीज आए थे  जिनमें से हमने 94% मरीजों को होलिस्टिक आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट दिया जिसके बाद वह पूरी तरह ठीक हो गए. वहीं 8 फीसदी मरीजों को क्योंकि इंटेग्रेटेड मैनेजमेंट प्रोटोकॉल दे रहे हैं तो उन्हें ऑक्सीजन थेरपी और कुछ एलोपैथी दावा दी. लेकिन उसके साथ योग और आयुर्वेद के उपचार भी दिए हैं, जिनमें योगा, काढ़ा, खाना और साथ में रिक्रिएशन एक्टिविटी कराई.

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अस्पताल ने कहा कि हमारे यहां जो हेल्थ केयर वर्कर हैं उनमें वो भी अभी तक संक्रमित नहीं हुए हैं. कई अस्पतालों में हेल्थ केयर वर्कर के इनफेक्ट होने के प्रमाण ज्यादा हैं, वे हाई रिस्क में आते हैं 18 से 36% उनके इनफेक्ट होने का चांस होता है लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ. जबकि हम यहां कोई एंटी बॉडी या एलोपैथी नहीं लेते है. अस्पताल ने दावा किया कि उसके यहां सिर्फ आयुर्वेदिक तरीके से ही इलाज होता बल्कि मॉडर्न इक्विपमेंट भी यहां मौजूद हैं जिनसे कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जाती है. अस्पताल में ऑक्सीजन बेड, एक्स रे, बाई मशीन, ब्लड सैंपल जैसी सुविधा है.