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विशेषज्ञ समिति की मंजूरी के बाद 'कोविशिल्ड' वैक्‍सीन को DCGI की अनुमति का इंतजार

भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की 10 सदस्यीय विषय विशेषज्ञ समिति ने भले ही शुक्रवार को 'कोविशिल्ड' वैक्‍सीन के इमरजेंसी यूज के लिए हरी झंडी दे दी पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी के बाद ही इसका इस्‍तेमाल हो सकेगा.

Updated on: 02 Jan 2021, 04:57 PM

नई दिल्ली:

भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की 10 सदस्यीय विषय विशेषज्ञ समिति ने भले ही शुक्रवार को 'कोविशिल्ड' वैक्‍सीन के इमरजेंसी यूज के लिए हरी झंडी दे दी पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी के बाद ही इसका इस्‍तेमाल हो सकेगा. विशेषज्ञ समिति की मंजूरी के बाद वैक्‍सीन के इमरजेंसी यूज के प्रस्‍ताव को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) वीजी सोमानी के पास भेजा गया है. बताया जा रहा है कि जल्‍द ही डीसीजीआई के यहां से भी वैक्‍सीन के आपात इस्‍तेमाल को मंजूरी मिल जाएगी और 6 जनवरी तक भारत में वैक्‍सीन को रोलआउट कर दिया जाएगा. 

कोविशिल्ड को ब्रिटेन और अर्जेटीना में पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. कोविशील्‍ड की निर्माता कंपनी सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैक्सीन की पांच करोड़ से अधिक खुराक तैयार कर स्‍टोर कर लिया है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्‍ड के निर्माण के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका संग पार्टनरशिप की है. वहीं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर भारत बायोटेक 'कोवैक्सीन' बना रही है. कोवैक्‍सीन को अभी आपात इस्‍तेमाल के लिए विशेषज्ञ समिति की मंजूरी नहीं मिली है. 

सबसे पहले अमेरिका की फाइजर वैक्सीन की ओर से चार दिसंबर को आपात इस्‍तेमाल के लिए आवेदन किया गया था. छह दिसंबर को सीरम इंस्टीट्यूट और 7 दिसंबर को भारत बायोटेक ने मंजूरी के लिए आवेदन किया था. हालांकि सबसे पहले आवेदन करने वाले फाइजर ने अभी डेटा पेश करने के लिए और समय मांगा है.

डीसीजीआई ने संकेत दिया था कि नए साल में भारत में कोरोना वैक्‍सीन आ सकती है. विशेषज्ञ समिति ने कोविशील्‍ड वैक्‍सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने के लिए बुधवार को भी बैठक की थी, लेकिन उस दिन कोई अंतिम फैसला नहीं हो सका. DCGI वीजी सोमानी की मानें तो आवेदकों को अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. 

वैक्‍सीनेशन ड्राइव के पहले चरण में केंद्र सरकार ने करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्‍सीन लगाने की योजना बनाई है. सबसे पहले एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ ही दो करोड़ फ्रंटलाइन और जरूरी वर्कर्स और 27 करोड़ बुजुर्गों को वैक्‍सीन लगाए जाएंगे. पहले से बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्‍सीन लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी.