धूम्रपान करने से तेजी से फैलता है कोरोना, आज ही इससे करें तौबा
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) लखनऊ की कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ़ सूर्यकान्त ने कहा है कि कोरोनावायरस (CoronaVirus Covid-19) के संक्रमण की चपेट में आने से बचना है तो धूम्रपान से तौबा करने में ही भलाई है.
नई दिल्ली:
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) लखनऊ की कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ़ सूर्यकान्त ने कहा है कि कोरोनावायरस (CoronaVirus Covid-19) के संक्रमण की चपेट में आने से बचना है तो धूम्रपान से तौबा करने में ही भलाई है. बीड़ी-सिगरेट संक्रमित हो सकते हैं और उंगलियों व होंठों के संपर्क में आकर वह आसानी से संक्रमण फैला सकते हैं.
हालांकि सरकार ने सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा रखी है, फिर भी लोग चोरी-चुपके इसका इस्तेमाल कर अपनी जान को जोखिम में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं. इन उत्पादों का सेवन कर इधर-उधर थूकने से भी संक्रमण का खतरा है इसलिए सरकार ने खुले में थूकने पर भी रोक लगा रखी है. इसका उल्लंघन करने पर दण्ड का प्रावधान भी किया गया है.
और पढ़ें: हर 7 में से एक महिला मां बनने के बाद हो रही अवसाद की शिकार, जानें वजह
केजीएमयू लखनऊ के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ़ सूर्यकान्त ने बताया कि "धूम्रपान से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिसके चलते कोरोना जैसे वायरस आसानी से ऐसे लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं. इसके अलावा बीमारी की चपेट में आने पर ऐसे लोगों के इलाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है."
यही कारण है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में इसका प्रयोग करने वालों को कोरोना का खतरा कई गुना अधिक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी बाकायदा दिशा-निर्देश जारी कर धूम्रपान से कोरोना की जद में आने के खतरे के बारे में सचेत कर चुका है.
डॉ.सूर्यकांत ने बताया कि "बीड़ी-सिगरेट ही नहीं बल्कि अन्य तम्बाकू उत्पाद हुक्का, सिगार, ई-सिगरेट भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैला सकते हैं, इसलिए अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए इनसे छुटकारा पाने में ही भलाई है."
"कोरोनावायरस छींकने, खांसने और थूकने से निकलने वाली बूंदों के जरिये एक दूसरे को संक्रमित करता है. इसीलिए प्रदेश में खुले में थूकने को दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है. इसके अलावा धूम्रपान से श्वसन प्रणाली, सांस की नली और फेफड़ों को भारी नुकसान पहुंचता है. यही कारण है कि फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर होने से संक्रमण से लड़ने की क्षमता अपने आप कम हो जाती है."
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Lok Sabha Elections 2024: रजनीकांथ से लेकर कमल हासन तक वोट देने पहुंचे ये सितारे, जागरूक नागरिक होने का निभाया फर्ज
-
टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी का हुआ एक्सीडेंट, होगी सीरीयस सर्जरी, काम छोड़कर हॉस्पिटल पहुंचे पति
-
Maidan BO Collection: मैदान ने बॉक्स ऑफिस पर पूरा किया एक हफ्ता, बजट की आधी कमाई भी नहीं कमा पाई फिल्म
धर्म-कर्म
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी के दिन इस पेड़ की पूजा करने से हर मनोकामना होती है पूरी
-
Aaj Ka Panchang 19 April 2024: क्या है 19 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म में क्या हैं दूसरी शादी के नियम, जानें इजाजत है या नहीं
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति