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COVID-19: लामा से प्राप्त एंटीबॉडीज संक्रमण के इलाज और रोकथाम में हो सकता है प्रभावी: अध्ययन

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका खोज निकाला है जो लामाओं से बेहद छोटा लेकिन कोरोना वायरस का शक्तिशाली एंटीबॉडी निकालने में सहायक है.

Updated on: 07 Nov 2020, 11:27 AM

वाशिंगटन:

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका खोज निकाला है जो लामाओं से बेहद छोटा लेकिन कोरोना वायरस का शक्तिशाली एंटीबॉडी निकालने में सहायक है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इस एंटीबॉडी में कोविड-19 के इलाज और इसकी रोकथाम की क्षमता है. अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, ये विशेष लामा एंटीबॉडी नैनोबॉडी कहलाते हैं और आकार में मनुष्य के एंटीबॉडी से बेहद छोटे होते हैं.

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गौरतलब है कि लामा अमेरिकी ऊंट की प्रजाति का एक जानवर है जो आकार में इससे कुछ छोटा होता है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि ये एंटीबॉडी, कोविड-19 महामारी फैलाने वाले वायरस सार्स-सीओवी-2 को बेअसर करने में बेहद प्रभावी होते हैं और ये बहुत स्थिर भी हैं.

साइंस पत्रिका में गुरुवार को प्रकाशित इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक यी शी ने कहा, 'प्रकृति हमारी सर्वश्रेष्ठ आविष्कारक है.' अनुसंधानकर्ताओं ने वॉली नामक काले रंग के लामा को सार्स-सीओवी-2 बढ़ाने वाले प्रोटीन के एक टुकड़े के साथ प्रतिरोधी बनाया और करीब दो महीने के बाद, इसकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली ने वायरस के खिलाफ परिपक्व नैनोबॉडी पैदा किया.

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 मास स्पेक्ट्रोमेट्री आधारित तकनीक का इस्तेमाल करते हुये इस अध्ययन के प्रमुख लेखक तथा शी के प्रयोगशाला में अनुसंधान सहायक युफेई शिआंग ने वॉली के रक्त में नैनोबॉडी की पहचान की जिसका सार्स-सीओवी-2 से गहरा जुड़ाव है। अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि ये नैनोबॉडी सार्स-सीओवी-2 के लिए सबसे प्रभावी चिकित्सकीय एंटीबॉडी में से कुछ का प्रतिनिधित्व करते हैं.