Health: क्या 2 साल से कम उम्र के बच्चों को देना चाहिए Cough syrup? जानें
विशेषज्ञों का कहना है कि जहां दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप से पूरी तरह बचना चाहिए, वहीं इसे बड़े बच्चों को भी इसे सही तरीके से देने की जरूरत है
नई दिल्ली:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद एक भारतीय कंपनी द्वारा बनाए गए चार बुखार, सर्दी और खांसी के सिरप पर अलर्ट जारी किया. “चार उत्पादों में से प्रत्येक के सैंपल को लेकर लेबरोट्री में पुष्टि की गई कि उनमें डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा ज्यादा है. Whoद्वारा टेस्ट किए गए नमूनों में डायथाइलीन ग्लाइकॉल या एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया जो पेट दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में असमर्थता सहित गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है. वहीं रिसर्च में पाया गया कि ये कफ सिरप (cough syrup) बच्चों के लिए हानिकारक होता है. इसलिए बच्चों को देने से पहले गार्जियन कई बार इसके रिसर्च कर लें.
प्रदीप अग्रवाल के अनुसार, 'ज्यादातर कफ सिरप में एक से अधिक कंपोनेंट होते हैं और ये बच्चे के लिए आवश्यक नहीं हो सकता है.' ज्यादा से ज्यादा उन्हें एंटी एलर्जिक दवाएं ही दी जा सकती हैं. साथ ही, खांसी के कारण का इलाज करना सबसे अच्छा है. विशेष रूप से, हर तरह की खांसी के लिए कोई निश्चित कफ सिरप नहीं है.बाल स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कफ सिरप से बचना चाहिए क्योंकि इससे बच्चों पर हल्के से लेकर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं. अत्यधिक नींद आना, बेचैनी, लो सुगर लेवल, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन आदि जैसे हल्के दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
बड़े बच्चों को क्या दें
विशेषज्ञों का कहना है कि जहां दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप से पूरी तरह बचना चाहिए, वहीं इसे बड़े बच्चों को भी इसे सही तरीके से देने की जरूरत है. दो साल से ऊपर के बच्चों को अगर ये सही खुराक में दिया जाए तो यह सुरक्षित हैं. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह किस तरह का फॉर्मूलेशन है.ये सिरप दो साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए फायदेमंद है.
अब आप सोच रहे हैं लेकिन दो साल से कम उम्र के बच्चों का क्या दें तो आपको बता दें, तो उनको घरेलू नुस्खे जैसे वार्म वॉटर और बाकी ड्रिंक्स जैसे चाय, लहसुन का सिरप, हनी सिरप आदि देना चाहिए. वहीं नाक को साफ रखने और घुटन से बचने के लिए नेजल स्प्रे का इस्तेमाल किया जा सकता. हम सर्दी और खांसी के लक्षणों से राहत के लिए पैरासिटामोल देते हैं. कभी-कभी, एक ह्यूमिडिफायर या एक नेबुलाइज़र को अधिकतर प्रचलित सर्दी और खांसी में दिया जाना चाहिए. आम तौर पर जो सुझाव देते हैं वह यह है कि जब कोई बच्चा बंद कमरे में सो रहा होता है, तो उसे स्टीमर दिया जाना चाहिए
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