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Coronavirus: डब्ल्यूएचओ ने बताया-इन तीन वजहों से बढ़ रहे कोरोना के मामले, नहीं सुधरे तो...

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रॉन सबवैरिएंट चिंता का विषय है क्योंकि इसमें स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन अनुपस्थित हैं जिन्हें संक्रमण की पहचान करने के लिए जरूरी माना जाता है. ये इसका स्टील्थ फीचर है, क्योंकि...

Updated on: 19 Mar 2022, 02:09 PM

highlights

  1. कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी
  2. डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी
  3. सुधर जाओ, वर्ना होगी परेशानी

नई दिल्ली:

दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ा है. चीन ने अपने कई शहरों में लॉक डाउन लगा दिया है. यूरोप में 24 घंटों के भीतर 5-6 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, जिसके बाद कोरोना वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ ने एक बार फिर से पूरी दुनिया को चेताया है. डब्ल्यूएचओ ने बताया कि आखिर क्यों कोरोना वायरस के मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं. बढ़ते संकट को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी है. कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्ट्रेन के एक 'स्टील्थ' सब-वैरिएंट का भी पता चला है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन में मामलों में बढ़ोतरी के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है. 

ओमिक्रॉन बन रहा वजह

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रॉन सबवैरिएंट चिंता का विषय है क्योंकि इसमें स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन अनुपस्थित हैं जिन्हें संक्रमण की पहचान करने के लिए जरूरी माना जाता है. ये इसका स्टील्थ फीचर है, क्योंकि स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन नहीं होगा, तो इस वेरिएंट का पता लगाने में दिक्कत होगी. इसके अलावा ओमिक्रॉन के BA.1 + BA.2 वेरिएंट भी बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं, क्योंकि इनका प्रसार तेजी से हो रहा है. और इसकी तुलना में टेस्टिंग की रफ्तार फिर से ढीली पड़ गई है.

कोरोना वायरस को लेकर प्रतिबंधों में ढील

कोरोना महामारी (Covid Pandemic) तीन बार पूरी दुनिया को कैदखाने में बदल चुकी है. भारत दुनिया का दूसरा सर्वाधिक देश रहा. लाखों लोग मारे गए. सबकुछ बंद कर दिया गया. लेकिन तीसरी लहर के बाद जैसे-जैसे वैक्सीनेशन में तेजी आती गई और कोरोना केस कम होते गए, वैसे वैसे सार्वजनिक प्रतिबंधों को हटा लिया गया. डब्ल्यूएचओ (WHO) ने संकेत दिया कि यह कोविड के मामलों के फिर से उभरने और वेरिएंट के बढ़ने का एक और प्रमुख कारण है.

टीकों, वायरस फैलने के संबंध में गलत सूचना

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि बड़े पैमाने पर फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं कि वैक्सीन का कोई असर नहीं है जिससे कई लोग टीकाकरण से बच रहे हैं. इसके अलावा यह झूठ फैलाई गई कि ओमिक्रॉन (Omicron) के आने के बाद कोरोना महामारी समाप्त हो गई है. जोकि बड़ा झूठ है. डब्ल्यूएचओ ने पहले ही चेताया था कि हो सकता है कि कोरोना वायरस कभी दुनिया से जाए ही न और ये हमारी जीवनशैली का प्रमुख अंग बन जाए. डब्ल्यूएचओ की अधिकतर आशंकाएं अबतक सच साबित हुई हैं. ऐसे में डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कहा कि लोग बिना संकोच के, और बिना किसी ढिलवाई के तुरंत कोरोना के टीके लगवाएं. ऐसा न होने की सूरत में अगर कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है, तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

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यूरोप, दक्षिण कोरिया, चीन, हांगकांग में कोरोना का कहर

यूरोप (Coronavirus in Europe) में एक दिन में पांच से छ: लाख केस सामने आए हैं. चीन में दो मौतों की खबर हैं. जिलिन प्रांत में लॉकडाउन लगा दिया गया है. चीन के तीन शहरों को भी लॉक कर दिया गया है. केसों के बारे में पुख्ता आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन चीन सरकार के ये कदम बताते हैं कि हालात कितने भयावह हो चुके हैं. पड़ोसी दक्षिण कोरिया (South Korea) में रिकॉर्ड 6 लाख से अधिक नए केस आ चुके हैं. वहीं, 74 लाख की आबादी वाले हांगकांग में अब हर रोज 20 हजार से भी ज़्यादा केस आ रहे हैं और 300 से ज्यादा मौतें हो रही हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना एक बार फिर से दुनिया के हर हिस्से को अपना शिकार बनाने को तैयार है.