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कोरोना वायरस से पड़ रहा पुरुषों के सेक्स हॉर्मोन्स पर असर, जानिए कैसे

रिकवरी के बाद भी कोरोना वायरस उनके जननांगों में जाकर घर बना ले रहा है. जिसकी वजह से पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या आ रही है, जिसकी वजह से पुरुषों के सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी होने की बात सामने आई है.

Updated on: 13 May 2021, 09:39 AM

highlights

  • कोरोना से पुरुषों में कम हो रही है सेक्स लाइफ
  • पुरुषों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो रही है

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है. हर रोज 3 लाख से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं. अच्छी बात ये है कि हमारा रिकवरी रेट (Covid Recovery Rate) अन्य देशों की तुलना में काफी अच्छा है. देश में हर रोज लाखों मरीज कोरोना को मात देकर पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर घर जा रहे हैं. लेकिन इस बीच एक नई स्टडी में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जिनके हिसाब से कोरोना से रिकवर करने वाले पुरुषों के लिए खतरा ज्यादा है. वो रिकवरी के कई महीनों बाद भी पूरी कोरोना की जकड़ से निकल नहीं पाते. 

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एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि रिकवरी के बाद भी कोरोना वायरस उनके जननांगों में जाकर घर बना ले रहा है. जिसकी वजह से पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या आ रही है, जिसकी वजह से पुरुषों के सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormones) टेस्टोस्टेरोन (testosterone) के स्तर में कमी होने की बात सामने आई है, जिसके कारण पुरुषों की कामेच्छा (Loss of Libido) पर बुरा असर पड़ रहा है. शोध में यह भी बताया गया है कि शुक्राणुओं (Hormones) के स्तर में गड़बड़ी होने से पुरुषों की रोगों से लड़ने की क्षमता भी खत्म हो रही है.

पुरुषों में कम हो रही रोगों से लड़ने की क्षमता

मेर्सिन विश्वविद्यालय में यूरोलॉजी (University of Mersin) के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक सेलाहिटिन कायन (Selahittin Cayan) के अनुसार हालांकि यह पहले ही बताया जा चुका है कि टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने से पुरुषों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है जो कि SARS-CoV-2 का कारण बन सकती है, लेकिन यह पहला अध्ययन है जो कि यह दावा करता है कि कोविड-19 ही टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है.

वहीं मियामी यूनिवर्सिटी (Miami University) के वैज्ञानिकों ने दो पुरुष कोरोना मरीजों के लिंग का स्कैन किया. ये स्कैनिंग इन पुरुषों की रिकवरी के 6 महीने बाद की गई. जांच में पता चला कि उनके जननांगों के अंदर मौजूद इरेक्टाइल सेल्स के अंदर कोरोना वायरस घर बनाकर बैठ गया है. जिसकी वजह से इन पुरुषों को स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction) की दिक्कत आ रही है.

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क्या कहते हैं शोधकर्ता

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस अध्ययन के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि कोविड-19 के मामले में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम क्यों होती जा रही है. इसलिए टेस्टोस्टेरोन के उपचार के आधार पर चिकित्सक क्षेत्र में संभावित सुधारों की उम्मीद की जा सकती है. अध्ययन में बताया गया है कि टेस्टोस्टेरोन श्वसन अंगों की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity System) से जुड़ा होता है, जो कि हार्मोन के स्तर कम होने से श्वसन संक्रमण के जोखिमों को बढ़ाता है. 

अध्ययन में पाया गया है कि गंभीर कोविड-19 संक्रमित पुरुषों में सेक्स हॉर्मोन के स्तर में कमी पाई गई है. कोरोना वायरस खून की नलियों को नुकसान पहुंचा रहा है. साथ ही वह शरीर के अंदर मौजूद अंगों को खराब कर रहा है. अगर इसने पुरुषों के लिंग में खून का बहाव रोक दिया तो वो कभी सेक्स नहीं कर पाएंगे.