Coronavirus (Covid-19): मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine) कोरोना वायरस (Corona Virus) से लड़ाई में काफी कारगर साबित हो रही है. वहीं अब एक और दवा का नाम भी सामने आ रहा है जिसका उपयोग कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में किया जा सकता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक एंटी वायरल दवा रेमेडिसविर (Remdesivir) कोरोना के इलाज में उपयोगी साबित हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इबोला के संक्रमण के दौरान इस रेमेडिसविर का इस्तेमाल हुआ था.
यह भी पढ़ें: Covid-19: सिर्फ आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का निजी लैब में हो सकता है मुफ्त में कोरोना टेस्ट
रेमेडिसविर के क्लिनिकल टेस्टिंग पर रखी जा रही है नजर
ICMR द्वारा किए गए एक रिसर्च के मुताबिक रेमेडिसविर SARS-CoV-2 के रेप्लिकेशन मेकानिज्म को रोकने में काफी मददगार साबित हो सकता है. दरअसल, रेप्लिकेशन मेकानिज्म ही बढ़ते हुए कोरोना वायरस का एक प्रमुख कारण बनता है. यही वजह है कि ICMR ने कोरोना के इलाज में इस दवा को लेकर प्रभावी बताया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के निदेशक डॉ. रमन गंगाखेडकर का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाए गए रेमेडिसविर के क्लिनिकल टेस्टिंग पर खासतौर पर नजर रखी जा रही है. बता दें कि न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी में रेमेडिसविर के उपयोग और परामर्श पर चर्चा की गई है. स्टडी में इबोला दवा के उपयोग के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं.
यह भी पढ़ें: POMIS: पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में निवेश से हर महीने होगी मोटी इनकम
डॉ. रमन गंगाखेडकर का कहना है कि इस दवा को लेकर पूरी तरह से ऑब्जरवेशनल स्टडी की गई थी. हालांकि जिन लोगों को दवा दिया गया था उनकी अभी जांच चल रही है. जांच में यह बात सामने आई है कि 3 में से 2 मरीजों को दवा देने के बाद वेंटीलेटर या आक्सीजन की जरूरत नहीं थी. उनका कहना है कि इन मरीजों में SARS-CoV-2 संक्रमण की पुष्टि हुई थी. रिपोर्ट के अनुसार स्टडी में शामिल किए गए 200 मरीजों को रेमेडिसविर दस दिन तक दी गई थी.