78 प्रतिशत लोग 'हैड सैनिटाइजर' और 78.5 लोग 'सेल्फ आइसोलोशन' के खिलाफ
अधिकांश भारतीयों ने कोरोनोवायरस महामारी को मद्देनजर रखते हुए गंभीरता से हाथों की साफ सफाई पर ध्यान दे रहे हैं. लेकिन 75.5 फीसदी लोगों को मास्क पहनने में भरोसा नहीं. 78.5 प्रतिशत भारतीय हैंड सैनिटाइजर का उयोग नहीं कर रहे हैं.
नई दिल्ली:
अधिकांश भारतीयों ने कोरोनोवायरस महामारी को मद्देनजर रखते हुए गंभीरता से हाथों की साफ सफाई पर ध्यान दे रहे हैं. लेकिन 75.5 फीसदी लोगों को मास्क पहनने में भरोसा नहीं. 78.5 प्रतिशत भारतीय हैंड सैनिटाइजर का उयोग नहीं कर रहे हैं. जिससे हालात और भी बदतर हो सकती है. यह चौंकाने वाले खुलासा आईएएनएस सी-वोटर गैलप इंटरनेशनल एसोसिएशन कोरोना ट्रैकर 1 ने किया, जो कोरोनावायरस पर एक विशेष वैश्विक सर्वेक्षण है.
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75.5 प्रतिशत भारतीय मेडिकल मास्क का इस्तेमाल नही कर रहे हैं, जबकि 24.5 प्रतिशत को लगता है कि इससे मदद मिलती है. 92.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे हाथ के दस्ताने का उपयोग करने के बारे में आश्वस्त नहीं हैं. दस्ताने के इस्तेमाल महज 7.3 फीसदी लोगों ने किए.
ऐसे समय में जब सरकार बार-बार हैंड सेनिटिजर का उपयोग करने पर जोर दे रही है, 78.5 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इसको वैध नहीं मानते हैं. सिर्फ 21 फीसदी लोगों ने कहा कि वे सैनिटाइटर का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हालांकि, बुनियादी स्वच्छता के लिए की गई अपीलों में हैंडवास को लोगों ने ज्यादा समर्थन किया है. 71.5 फीसदी ने कहा कि वे इसका पालन कर रहे हैं. लेकिन 28.5 प्रतिशत लोगों ने कहा, वे नहीं कर रहे हैं.
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रविवार का जनता कर्फ्यू भले ही हिट रहा हो, लेकिन 72.8 प्रतिशत लोगों ने अभी भी माना है कि 'सेल्फ आइसोलेशन' या 'सोशल डिस्टेंस' बनाना कोई वैध विचार नहीं है. इससे भी बदतर, 88 प्रतिशत लोग इसके खिलाफ हैं. लेकिन फिर भी, अधिकांश सहमत थे कि उन्होंने एहतियाती कदम उठाए हैं.
यह जब पूछा गया की इस महामारी का जिम्मेदार कौन है. जवाब में 75.1 प्रतिशत ने चीन को दोषी ठहराया. इस सर्वेक्षण को 17 मार्च और 18 मार्च को किया गया था, जिसमें 1,421 लोगों ने भाग लिया था.
वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस महामारी से मरने वालों की संख्या 15,000 से अधिक हो गयी है. भारत में इसकी संख्या 420 से अधिक हो गई है, जिसमें आठ लोग खतरनाक वायरस से पीड़ित हैं.
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