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कोरोना वायरस: 26 प्रतिशत लोगों में दिख रहे हैं यह सामान्य से लक्षण

कोविड-19 को लेकर किए गए एक सर्वे में चला है कि 26 प्रतिशत से ज्यादा लोग फ्लू जैसे लक्षणों के साथ पाए गए हैं, जिसमें हाई फीवर, कोल्ड, सूखी खांसी शामिल है.

Updated on: 24 Jul 2020, 09:13 AM

नई दिल्ली:

कोविड-19 (COVID-19) को लेकर किए गए एक सर्वे में चला है कि 26 प्रतिशत से ज्यादा लोग फ्लू जैसे लक्षणों के साथ पाए गए हैं, जिसमें हाई फीवर, कोल्ड, सूखी खांसी शामिल है. इसमें से सबसे सामान्य लक्षण नाक बंद होना, कोल्ड और नाक बहना शामिल है. ये लक्षण अधिकतर 5 प्रतिशत लोगों में पाए गए हैं. 1,723 लोगों में कराए गए सर्वेक्षण के आधार पर, 26.05 प्रतिशत लोगों में फ्लू के विभिन्न लक्षण देखे गए. जिनमें से अधिकतम 4.99 प्रतिशत लोगों में नाक बंद होना, कोल्ड और नाक बहने के लक्षण देखे गए.

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इन लोगों में सबसे कम बदन दर्द के केवल 2.67 प्रतिशत लक्षण देखे गए. दूसरा सबसे सामान्य लक्षण बुखार का मिला, जो 4.62 प्रतिशत लोगों में देखा गया. इसके बाद सूखी खांसी-4.26 प्रतिशत, थकान- 3.82 प्रतिशत, सांस लेने में कठिनाई-2.99 प्रतिशत और गले में दर्द-2.68 प्रतिशत का स्थान है.

उधर, 49 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कोरोनावायरस खतरे को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है, जबकि गुरुवार तक देश में कोरोना संक्रमण का मामला 12 लाख पार कर गया. आईएएनएस-सीवोटर कोविड-19 ट्रैकर से पता चला कि 49.3 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस महामारी के खतरे को हौवा बनाया गया, जबकि 41.2 प्रतिशत लोग इससे इनकार करते हैं. यह पोल 16 मार्च से 22 जुलाई के बीच देशभर में 1,723 लोगों पर किया गया.

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आश्चर्यजनक रूप से जब पहली बार लॉकडाउन लागू किया गया था, उस दिन अधिकतर लोगों का मानना था कि स्थिति को बढ़ाया जा रहा है. 23 मार्च को 23.53 प्रतिशत लोगों का मानना था कि यह खतरा सामान्य है, जबकि 33.1 प्रतिशत लागों का मानना था कि यह खतरा गंभीर है. वहीं 10 दिन बाद, जब देश घरों में कैद हो गया, इस महामारी को खतरा मानने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई. 1 जून को, जब देश अनलॉक 1.0 में प्रवेश कर रहा था, 53.2 प्रतिशत लोग ऐसा मान रहे थे.