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कोरोना वैक्सीन कैसे पहुंचेगी आप तक? जानें स्टोरेज से वैक्सीनेशन तक का प्रोसेस

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए पहले ही देशवासियों को इस बात की जानकारी दे दी थी कि जनवरी के किसी भी सप्ताह में कोरोना वैक्सीन देश को मिल जाएगी, जिसके बाद आम आदमी तक इस वैक्सीन को पहुंचने से पहले एक लंबी प्रक्रिया से ग

Updated on: 28 Dec 2020, 04:20 PM

नई दिल्ली:

साल 2020 के बीतने और 2021 के आगमन के साथ ही देश में कोरोना वैक्सीन अब धीरे-धीरे करीब आती हुई दिखाई देने लगी है. देश में जल्दी ही देश में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है. आपको बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीन के वैक्सीनेशन को लेकर भी बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. देश में सोमवार को कुछ राज्यों में कोरोना वैक्सीन के वैक्सीनेशन को लेकर मॉकड्रिल की जा रही है. वैक्सीनेशन के इस मॉकड्रिल में वैक्सीन सेंटर से किसी व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाने तक पूरी प्रक्रिया को ड्राई रन के तौर पर टेस्ट किया जाएगा. अब हम आपको समझाते हैं कि इस ड्राई रन टेस्ट में आम आदमी तक कोरोना वैक्सीन कैसे पहुंचेगी.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए पहले ही देशवासियों को इस बात की जानकारी दे दी थी कि जनवरी के किसी भी सप्ताह में कोरोना वैक्सीन देश को मिल जाएगी, जिसके बाद आम आदमी तक इस वैक्सीन को पहुंचने से पहले एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा. सबसे बड़ा काम होगा इस वैक्सीन का भंडारण चूंकि इसे सामान्य तापमान पर नहीं रखा जा सकता है इसलिए इसके भंडारण की व्यवस्था भी बहुत ही सावधानी के साथ करनी होगी. इसके बाद वैक्सीन का को देश के राज्यों में भेजा जाना और हर एक राज्यों के हर एक जिलों तक इस वैक्सीन को भेजा जाना जिसके बाद शहर, तहसील, ब्लॉक और फिर गांव स्तर तक वैक्सीन को आम आदमी के लिए उपलब्ध करवाना.  

कोरोना वैक्सीन को देश में इसी प्रक्रिया से भेजा जाएगा जिसे परखने के लिए देश के कई राज्यों गुजरात, पंजाब, आंध्र प्रदेश और असम में दो दिवसीय मॉकड्रिल की जा रही है. आपको बता दें कि इस मॉकड्रिल से ही देश में होने वाली असली वैक्सीनेशन की तैयारियों को भी परखा जाएगा, जिसके बाद हम इस बात का दावा कर सकेंगे कि हमने देश में वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी सही तरीके से कर ली है. आइए आपको समझाते हैं कि किस तरह से इस वैक्सीनेशन को पूरा करने की तैयारियां की गई हैं. 

  • सबसे पहला काम है वैक्सीनेशन का भंडारण जिसके लिए हमें इसके उचित तापमान का ध्यान रखना होगा
  • वैक्सीन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते समय भी हमें इसके तापमान का ध्यान रखना होगा.
  • अभी तक हर एक कंपनी ने अपनी-अपनी वैक्सीन के लिए अलग-अलग तापमान बताया है.
  • भंडारण वाली जगह से वैक्सीन अलग-अलग जिलों के लिए भेजी जाएगी.
  • वैक्सीन लेने वाले लोगों को पहले से तैयार रहना होगा और उन्हें एसएमएस से सूचित कर दिया जाएगा कि वो वैक्सीनेशन के लिए तैयार रहें
  • जहां वैक्सीनेशन होना है वहां का जिक्र और समय भी मैसेज में होगा और वैक्सीनेशन टीम के बारे में भी बताया जाएगा.

CoWin ऐप की टेस्टिंग भी जारी
यहां पर हम आपको एक बात और बता दें कि कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए सरकार ने CoWin ऐप भी तैयार किया है, इस ऐप की भी टेस्टिंग जारी है. इस टेस्टिंग के दौरान जो दिक्कतें सामने आएंगी उसपर लगने वाले समय पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिसके बाद उस पर एक्सपर्ट्स के ग्रुप मंथन करेंगे और फिर पूरे प्लान को सही तरीके से लागू करने के लिए नए आइडियाज शेयर किए जाएंगे ताकि आसानी से सही समय पर वैक्सीनेशन हो सके. 

सबसे पहले इन लोगों तक पहुंचाई जाएगी वैक्सीन
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि शुरुआत में भारत में 30 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य होगा. जिसमें स्वास्थ्यकर्मी, सुरक्षाकर्मी, अन्य कोरोना वॉरियर्स और बुजुर्ग लोग शामिल होंगे. इसके अलावा करीब एक करोड़ वैक्सीन उनके लिए रिजर्व रखी जा रही हैं, जिनकी उम्र 50 से कम हैं लेकिन उन्हें कोई न कोई बीमारी भी है.

कई देशों में लाखों लोगों को लग चुकी है वैक्सीन
आपको ये भी बता दें कि एक तरफ जहां भारत में अभी वैक्सीनेशन की तैयारी चल रही है वहीं अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल में कई लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. मौजूदा समय हमारे देश में तीन कोरोना वैक्सीन अपने अंतिम पड़ावों पर हैं. इनमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और फाइजर की वैक्सीन, जिसके लिए इमरेंजी इस्तेमाल की इजाजत मांगी गई है. और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड-शील्ड जिसे सीरम इंडिया तैयार कर रहा है.