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बच्चों के लिए Corona Vaccine अगले महीने, ट्रायल अंतिम चरण में

दो साल से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए दूसरे और तीसरे चरण का ‘क्लीनिकल ट्रायल’ जारी है.

Updated on: 19 Aug 2021, 07:09 AM

highlights

  • कोरोना वैक्सीन का बच्चों पर चल रहा है दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण
  • भारत बायोटेक के अलावा कैडिला की वैक्सीन को मंजूरी मिलने के आसार
  • बच्चों को कोविड-19 वैक्सीन कवच मिलते ही खुल सकेंगे आराम से स्कूल 

नई दिल्ली:

विशेषज्ञ आशंका जता चुके हैं कि कोविड-19 (COVID-19) की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ सकता है. ऐसे में कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) की तीसरी लहर की आशंका के बीच एक गुड न्यूज सामने आई है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जल्द ही बच्चों को वैक्सीन कवच मिल सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक सब कुछ ठीक रहा तो देश में अगले महीने से बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) उपलब्ध होगी. जाहिर है बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू होने के बाद स्कूल खुलने में उनके लिए जोखिम कम हो जाएगा.

बच्चों पर ट्रायल है जारी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की डायरेक्टर प्रिया अब्राहम के मुताबिक सितंबर से बच्चों के लिए कोविड-19 टीका मिल सकता है. उन्होंने बताया कि दो साल से 18 साल तक के बच्चों को टीके की डोज दिए जाने का ट्रायल जारी है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के ओटीटी मंच ‘इंडिया साइंस’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि दो साल से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए दूसरे और तीसरे चरण का ‘क्लीनिकल ट्रायल’ जारी है. इसके परिणाम आते ही वैक्सीन को मंजूरी की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.

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जायडस कैडिला का भी चल रहा है परीक्षण
उन्होंने कहा, 'उम्मीद है कि जल्दी ही नतीजे सामने होंगे और उन्हें नियामक संस्थाओं को सौंपा जाएगा. सितंबर या उसके ठीक बाद हमारे पास बच्चों के लिए कोवैक्सिन टीका उपलब्ध हो सकता है.' गौरतलब है कि जायडस कैडिला के भी ट्रायल चल रहे हैं और टीके को बच्चों के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है. गौरतलब है कि एनआईवी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अंतर्गत काम करने वाली एक संस्था है. कोवैक्सीन को आईसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक बना रही है. 

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कुछ और वैक्सीन भी जगा रहीं उम्मीदें
गौरतलब है कि पिछले महीने ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बीजेपी सांसदों से कहा था कि जल्द ही बच्चों के लिए कोरोना टीकाकरण शुरू होगा. हाल-फिलहाल देश में 18 साल या उससे ऊपर के लिए लोगों को ही कोरोना का टीका लगाया जा रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक जायडस कैडिला की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन के अलावा जेनोवा की एमआरएनए वैक्सीन, बायोलॉजिकल ई और नोवावैक्स की वैक्सीनों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रहा है, जिसका काम तेज गति से चल रहा है.