Corona Vaccine दोनों डोज लगवाएं... नहीं देखेंगे अस्पताल का मुंह
दोनों डोज ले चुके 94 फीसदी लोगों को आईसीयू में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी, जबकि 77 फीसदी लोगों ने अस्पताल का मुंह तक नहीं देखा.
highlights
दोनों डोज ले चुके 94 फीसदी को आईसीयू में भर्ती होने की जरूरत नहीं
77 फीसदी संक्रमितों को तो अस्पताल का मुंह भी नहीं पड़ेगा देखना
पहले डोज के बाद से ही कोविड-19 से सुरक्षा मिलना शुरू हो जाती है
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के बीच व्यापक स्तर पर टीकाकरण (Vaccination) को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें हरसंभव कमर कस रही हैं. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) खुद अपील कर चुके हैं कि वैक्सीन से ही कोविड-19 संक्रमण को मात दी जा सकती है. इस कड़ी में वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए एक राहत भरी खबर आई है. हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि दोनों डोज ले चुके 94 फीसदी लोगों को कोरोना संक्रमित होने पर आईसीयू में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी, जबकि 77 फीसदी लोगों को तो अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं पड़ी.
वेल्लूर मेडिकल कॉलेज की स्टडी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक वेल्लूर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के 10 हजार 600 कर्मचारियों को इस स्टडी में शामिल किया गया. इनमें से 84.8 फीसदी यानी 8 हजार 990 सदस्य 21 जनवरी से 30 अप्रैल तक टीका प्राप्त कर चुके थे. इनमें से 93.4 प्रतिशत लोगों को कोविशील्ड लगी थी, जबकि अन्य लोगों ने कोवैक्सीन लगवाई थी. स्टडी में शामिल लोगों में 7 हजार 80 सदस्यों को दोनों डोज मिल चुके थे. इनमें से 679 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए. बीमार होने के बाद 64 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. चार लोगों को ऑक्सीजन थैरेपी की जरूरत लगी. खास बात यह है कि इनमें से केवल दो मरीजों को आईसीयू में दाखिल करने की नौबत आई.
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मौत का खतरा भी हो जाता है कम
इस अध्ययन से एक और राहत यह भी मिली है कि इस दौरान कोई मौत नहीं हुई. मेयो क्लीनिकल प्रोसीडिंग्स में प्रकाशित हुई स्टडी में लेखकों ने यह साफ किया है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स को जल्द से जल्द टीका लगाया जाना बेहद जरूरी है. स्टडी में पता चला है कि दोनों डोज प्राप्त करने से अस्पताल में भर्ती, ऑक्सीजन थैरेपी की जरूरत और आईसीयू में दाखिले को कम कर देते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में स्टडी के लेखक डॉक्टर जेवी पीटर्स के हवाले से कहा गया है कि पहले डोज के बाद से ही सुरक्षा मिलना शुरू हो जाती है. वैक्सीन का सिंगल डोज आईसीयू में भर्ती होने से 95 फीसदी सुरक्षा देता है.
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