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महाराष्ट्र में कोरोना से बिगड़े हालात, CM उद्धव ने CSIR के साथ की अहम बैठक

कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सीएसआईआर (CSIR) के डायरेक्टर जनरल शेखर मंडे (Shekhar Mande) के साथ बैठक की. इस बैठक में कोरोना के हालात को लेकर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर वर्चुअल तरीके से मंथन किया गया.

Updated on: 13 Apr 2021, 10:50 AM

highlights

  • बड़े अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे बड़े ऑक्सीजन जनरेटर
  • कोरोना प्रभावित राज्यों में स्थापित किए जाएंगे मेकशिफ्ट हॉस्पिटल
  • हवा से नहीं फैलता कोरोना, लेकिन AC से खतरा

नई दिल्ली:

देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. इस महामारी (COVID-19) के कारण एक बार फिर हालात एक बार फिर से बेकाबू होते जा रहे हैं. कोरोना के नए केस ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. आलम ये है कि तकरीबन हर रोज एक लाख से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं. देश के चार राज्यों में एक दिन में सबसे ज्यादा नए केस आए. इनमें महाराष्ट्र (Maharashtra), दिल्ली (Delhi), यूपी (Uttar Pradesh) और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) शामिल हैं. महाराष्ट्र में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लॉकडाउन लगाने तक के संकेत दिए हैं. 

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कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सीएसआईआर (CSIR) के डायरेक्टर जनरल शेखर मंडे (Shekhar Mande) के साथ बैठक की. इस बैठक में कोरोना के हालात को लेकर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर वर्चुअल तरीके से मंथन किया गया. बैठक में महाराष्ट्र सरकार ने कई मांगें रखीं. बैठक खत्म होने के बाद शेखर मंडे से न्यूज नेशन के संवाददाता राहुल डबास ने बात की. और बैठक में क्या कुछ हुआ उसकी जानकारी ली.

बड़े अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे बड़े ऑक्सीजन जनरेटर

शेखर मंडे ने बताया कि बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र के अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर समस्या आ रही है. इस पर सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल ने भरोसा जताया है कि महाराष्ट्र के बड़े अस्पतालों में औद्योगिक स्तर के ऑक्सीजन जनरेटर स्थापित किए जाएंगे. जिससे बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई मुहैया होगी, यानी 2 मिनट के अंदर 2000 लीटर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध होगी. इससे प्रदेश में ऑक्सीजन की समस्या पर काफी हद तक अंकुश पाया जा सकता है.

कोरोना प्रभावित राज्यों में स्थापित किए जाएंगे मेकशिफ्ट हॉस्पिटल

महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्य और केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चिंतित है. दिल्ली में 14 निजी और 4 सरकारी अस्पतालों को कोरोना डेडीकेडिट बनाया गया है. दिल्ली में पहले ही सीएसआईआर की तरफ से 1200 वेंटिलटर दिए गए हैं. ऐसे में सीएसआईआर के पास यह क्षमता है कि 10 दिनों से कम समय में 100 बेड्स जितने बड़े हॉस्पिटल को मेकशिफ्ट हालत में बनाया जा सकता है. इनमें आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा होगी. जिसके जरिए अगर किसी और स्थान पर कोरोनावायरस है तो उन्हें वहां भी लगाया जा सकेगा.

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यूपी, बिहार और झारखंड की R नंबर के पीछे तीन महत्वपूर्ण कारण

सीएसआईआर देश की सबसे बड़ी जिनोमलैब के जरिए यह पता करने की कोशिश कर रहा है कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में कहीं नया म्यूटेशन तो नहीं फैला ? जिसकी वजह से वहां R नंबर बढ़ता जा रहा है ? R नंबर का अर्थ है कि एक व्यक्ति कितनी बड़ी संख्या में बाकी जनसंख्या को संक्रमित कर सकता है. जो देश में 1.3% है, जबकि इन तीन राज्यों में 2% से ज्यादा है. इसके अलावा दो महत्वपूर्ण कारण और भी हैं. पहला इन राज्यों में खास तौर पर जिन जिलों के अंदर संक्रमण तेज गति से फैला है, वहां जनसंख्या घनत्व, धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक आयोजन कोविड-19 प्रोटोकॉल का अध्ययन करना होगा. और दूसरा यह कि इन तीन राज्यों में पहले हुए सिरो सर्वे में संक्रमित लोगों का अनुपात काफी कम था. ऐसे में इस बात की संभावना है कि जो जनसंख्या अभी तक संक्रमित नहीं हुई वह तेज गति से संक्रमित हो रही है.

हवा से नहीं फैलता कोरोना

कोरोना का संक्रमण एरोसोल नहीं है, यानी हवा के जरिए वह दूर तक नहीं जा सकता. अगर एक व्यक्ति सामान्य अवस्था में बात करता है तो 5 से 6 फुट दूर तक ड्रॉपलेट जा सकती है, लेकिन अगर वह व्यक्ति तेज बोलता है या एयर कंडीशन वाली स्थिति में बोलता है तो यह और दूर तक जा सकती है. बंद कमरे और एयर कंडीशन में संक्रमण काफी देर तक रह सकता है. लेकिन खुले और धूप वाले इलाके में यह संक्रमण दूर तक नहीं कर सकता, इसलिए भले ही कोरोना संक्रमण हवा के जरिए नहीं चलता हो, लेकिन बंद कमरे तेज बोलने और एयर कंडीशन में इसके फैलने की दूरी बढ़ जाती है.