एक नए शोध से खुलासा हुआ है कि उन देशों में ज्यादा बच्चों की मौतें दिल की बीमारी के चलते ज्यादा हो रही हैं, जिनमें जरूरत से ज्यादा कम आय है. द लसंट के मुताबिक, यह शोध विश्व के 195 देशों के करीब के 1.20 लाख लोगों पर किया गया है. यह पहली बार है कि जब जीबीडी ने सभी पहले से मौजूद इस्तेमाल आंकड़े और पुराने आंकड़ों का इस्तेमाल किया है.
शोध से पता चला है कि 1990 से 2017 के बीच 34.5 प्रतिशत लोगों की जान दिल की बीमारी के कारण हुई है, जबकि 2017 में एक साल से कम उम्र के करीब 70 प्रतिशत बच्चों की मौत दिल की बीमारी से हुई, जो कि जन्मजात बच्चों की मौतों का सबसे बड़ी संख्या है. शोध से ये भी पता चला है कि जैसे ही देशों की एसडीआई बढ़ी है, वैसे ही मरने वालों की संख्या में भी कमी आई है.
ये भी पढ़ें: World Heart Day: ये 7 तरीके आपके दिल को रखेंगे बीमारी से दूर
शोधकर्ताओं के मुताबिक, जन्म से दिल की बीमारी किसी भी देश के सामाजिक स्थिती का कारण नहीं है, जो कि दुनिया के गरीब देशों से कम हैं, क्योंकि इन देशों में बच्चों को जिंदगी बचाने को लेकर सेवाएं नहीं दी जातीं.
गेरनार्ड मार्टिन (जो बच्चों के नेशनल अस्पताल से हैं, ने शोध में अपना योगदान दिया है) उन्होंने बताया कि काफी अधिक आय वाले देश, जैसे अमेरिका में हम बच्चों के जन्म से पहले जब बच्चा 20 महीने का होता है, तभी दिल की स्थिती को जांच लेते हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने दिल की बीमारी से होने वाली मौतों को कम करने के लिए प्राथमिकताएं दीं, ताकि जन्मे बच्चे और 5 साल से कम उम्र के बच्चों को इस बीमारी से होने वाली मौतों से बचाया जा सके.