ठंड में इन चीजों के इस्तेमाल से दूर रहती हैं बीमारियां, पढ़ें पूरी जानकारी
बढ़ती ठंड जहां नवजातों को विंटर डायरिया और निमोनिया का शिकार बना रही है. वहीं, युवा और बुजुर्ग भी मौसम में बदलाव और टेंप्रेचर डिफरेंस के चलते बीमार हो हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं.
highlights
- आमतौर पर ठंड के मौसम में छोटे बच्चे और बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
- इस मौसम में थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ी खतरनाक साबित हो सकती है.
- बढ़ती ठंड जहां नवजातों को विंटर डायरिया और निमोनिया का शिकार बना रही है.
नई दिल्ली:
आमतौर पर ठंड के मौसम में छोटे बच्चे और बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस मौसम में थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ी खतरनाक साबित हो सकती है. बढ़ती ठंड जहां नवजातों को विंटर डायरिया और निमोनिया का शिकार बना रही है. वहीं, युवा और बुजुर्ग भी मौसम में बदलाव और टेंप्रेचर डिफरेंस के चलते बीमार हो हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. हाल ये है कि इन दिनों सरकारी से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल्स की ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है.
आज हम आपको बताएंगे कि दवाओं का कम से कम इस्तेमाल करने से आप कैसे स्वस्थ्य रख सकते हैं.
हाल ही में बॉल्सब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित दूबे ने आईएएनएस से कहा कि इन बीमारियों का मुख्य कारण वायरस का बढ़ता प्रसार होता है. उन्होंने कहा कि जुकाम एक संक्रामक बीमारी है जो बहुत जल्दी बढ़ती है. यह बीमारी बहती नाक, बुखार, सुखी या गीली खांसी अपने साथ लाती है, जो श्वसन तंत्र पर अचानक हमला करता है.
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ठंड के मौसम में इन चीजों का करें इस्तेंमाल
ठंड के मौसम में बाजरे की रोटिंयां शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं. ये सबसे पहले शरीर को गर्म रखती हैं साथ में बाजरे की रोटी में प्रोटीन, विटामिन बी, कैल्शियम, फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट शरीर के लिए अच्छे होते हैं. ठंड से बचने के लिए बच्चों को भी बाजरे की रोटी खिलानी चाहिए.
ठंड के मौसम में में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान और सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. सर्दियों में शहद का सेवन करने से शरीर को कई तरह की रोगों से दूर रखा जा सकता है. आयुर्वेद में शहद को अमृत माना गया है. सर्दी, जुकाम होने पर रात को सोने से पहले एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से यह खत्म हो जाती है.
सर्दियों में मछली तथा सूप भी बेहद कारगर है. खाने में अदरक के प्रयोग से शरीर तो गरम होता ही है, साथ में पाचन क्रिया भी अच्छा होता है."
बच्चों को ठंड से बचाने के उपाय
- धूप निकलने पर बच्चे को धूप में बैठाएं.
- हर रोज बंद कमरे में स्नान कराएं और कपड़े पहनाकर बाहर निकालें.
- शरीर पर पूरे कपड़े पहनाने के साथ पैरों में मोजे और हाथों में दस्ताने पहनाकर रखें.ज्यादा सुस्त रहने व दूध न पीने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
- बच्चे की मां को कुछ भी ठंडी सामग्री खाने से बचना चाहिए, क्योंकि बच्चे को मां से ठंड लग सकती है.
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें.
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ये भी रखें ध्यान
- छोटे बच्चे को टू-व्हीलर पर ले जाने से बचें, अगर जा रहे हैं तो कपड़े से ढक कर रखें.
- बच्चे को टू-व्हीलर पर सामने मुंह करके न बैठाएं, इससे उसे सांस लेने में परेशानी होगी.
- ज्यादा ठंडी हवा लगने से बच्चे को मुंह-नाक से खून आ सकता है.
- निमोनिया होने का खतरा ऐसी सर्दी में ज्यादा होता है.
- ठंड में हाथ-पैर लाल होने से पता चल जाएगा कि बच्चे को ठंड लग चुकी है
- ऐसी सर्दी में बच्चे के हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं. बच्चा एक्टिव नहीं है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
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