आंखें रूखी हों, तो घट जाती है पढ़ने की रफ्तार, इस बीमारी से तो नहीं जूझ रहे आप?

आंखें अगर रूखी हों, तो पढ़ने की रफ्तार घट जाती है। आंखों का रूखापन एक बीमारी है, जिसमें आंखों से पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं निकलते हैं।

आंखें अगर रूखी हों, तो पढ़ने की रफ्तार घट जाती है। आंखों का रूखापन एक बीमारी है, जिसमें आंखों से पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं निकलते हैं।

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Sonam Kanojia
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आंखें रूखी हों, तो घट जाती है पढ़ने की रफ्तार, इस बीमारी से तो नहीं जूझ रहे आप?

फाइल फोटो

आंखें अगर रूखी हों, तो पढ़ने की रफ्तार घट जाती है। आंखों का रूखापन एक बीमारी है, जिसमें आंखों से पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं निकलते हैं। इसे ड्राई आई सिंड्रोम कहते हैं। इससे आंखों के कार्य काफी प्रभावित होते हैं। इस सिंड्रोम पर शोध करने वाले शोधार्थी बताते हैं कि क्रोनिक ड्राई आई (आंखों के रूखेपन की बीमारी) से पीड़ित लोगों में पढ़ने की गति कम होती है।

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शोध में पाया गया कि इस रोग से पीड़ित लोगों में पढ़ने की गति सामान्य से 10 फीसदी कम होती है। साथ ही, इससे औसतन 30 मिनट से अधिक समय तक पढ़ने में कठिनाई हो सकती है।

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नैदानिक रूप से जिनकी आंखें अधिक रूखी पाई जाती हैं, उनमें प्रति मिनट 32 शब्द कम पढ़ने की क्षमता होती है, जबकि रोग से रहित लोग प्रति मिनट 272 शब्द पढ़ सकते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉकिंस विल्मर आई इंस्टीट्यूट के एसेन एकपेक ने कहा, 'आंखों में रूखेपन की वजह से लोग ज्यादातर लंबे समय तक पढ़ने में असमर्थ होते हैं क्योंकि उनकी आंखों में पर्याप्त आंसू नहीं निकलने से आंखें गीली नहीं हो पाती हैं। ऐसा हमारा अनुमान है।'

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यह शोध ऑप्टोमेट्री एंड विजन साइंस नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 186 लोगों को शामिल किया गया था।

Source : IANS

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