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Children suffering from diabetes
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Children suffering from diabetes
बच्चों में बढ़ता मोटापा आज चिंता का विषय बन चुका है, जो कई बीमारियों का कारण बन रहा है. कई कारणों से बच्चे आज मोटापे का शिकार बन रहे हैं जैसे लगातार टीवी देखना, इंटरनेट, गेमिंग डिवाइसेज पर समय बिताना, खेलकूद की कमी, जंक फूड का सेवन और निष्क्रिय जीवनशैली. मोटापे का एक घातक परिणाम डायबिटीज (Diabetes) के रूप में सामने आता है और डायबिटीज (Diabetes) का बुरा असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है. पिछले साल किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि दिल्ली में लगभग 35 फीसदी किशोरों का वजन सामान्य से अधिक है या वे मोटापे से ग्रस्त हैं.
हर साल विश्व मधुमेह दिवस (14 नवंबर) (Diabetes) मनाया जाता है, लेकिन फिर भी यह बीमारी फैलती ही जा रही है. नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के एंडोक्राइनोलॉजी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस.के. वांगनू ने कहा, "आजकल बच्चे खेल-कूद के बजाए इन्डोर गतिविधियों में ज्यादा समय बिताते हैं. ऐसे में मोटापे का शिकार हो जाते हैं और इसका एक घातक परिणाम डायबिटीज (Diabetes) के रूप में सामने आता है और डायबिटीज (Diabetes) का बुरा असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है."
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उन्होंने कहा, "डायबिटीज (Diabetes) नवजात शिशुओं को भी प्रभावित कर सकता है और ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं. नियोनेटल डायबिटीज बच्चों में छह माह की उम्र से पहले भी हो सकता है."
एक अनुमान के अनुसार अकेले दिल्ली में 32 लाख बच्चे डायबिटीज से पीड़ित हैं. ज्यादातर मामलों में ये बच्चे मोटापे का शिकार होते हैं या इनका वजन सामान्य से अधिक होता है.
अध्ययन के अनुसार, बच्चों में मोटापा टाईप 2 डायबिटीज (Diabetes) का कारण बन सकता है. लेकिन समय पर निदान के द्वारा रोग के लक्षणों को नियन्त्रण में रखा जा सकता है और प्री डायबिटीज को डायबिटीज में बदलने से रोका जा सकता है.
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डॉ. एस. के. वांगनू ने कहा, "डायबिटीज (Diabetes) का मुख्य कारण असेहतमंद जीवनशैली है और अच्छी आदतों द्वारा इस पर नियन्त्रण पाया जा सकता है. सबसे पहले अपने वजन पर नियन्त्रण रखें. ब्लड शुगर को नियन्त्रण में रखने के लिए बीएमआई सही होना बहुत जरूरी है. इसके लिए काबोर्हाइड्रेट का सेवन सीमित मात्रा में करें. फाईबर और प्रोटीन से युक्त आहार लें. हरी सब्जियों, फलों, फलियों और साबुत अनाज का सेवन करें."
उन्होंने कहा, "अगर परिवार में डायबिटीज (Diabetes) का इतिहास है तो आपको नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर की जांच करवानी चाहिए. अपने ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल, ट्राई ग्लीसराईड पर नियन्त्रण रखें. डायबिटीज दिल की बीमारियों का कारण भी बन सकता है. इसलिए ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल को नियन्त्रित रखना बहुत जरूरी है."
Source : News Nation Bureau