समाजवादियों के लिए सर्वोपरि है राष्ट्रहित : राजीव राय
प्रधानमंत्री की नई आर्थिक सलाहकार समिति का ऐलान, डीयू-डीएसई के चार सदस्यों को मिली जगह
SC News: हिंदू लड़की से शादी करने की सजा काट रहा था मुस्लिम युवक, सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, सुनाया ये फैसला
WTC Final में ये कैसा रिकॉर्ड बना गए उस्मान ख्वाजा, कोई बल्लेबाज इस Records को नहीं करना चाहेगा अपने नाम
AUS vs SA: स्टीव स्मिथ ने WTC Final में रचा इतिहास, बन गए नंबर-1 बल्लेबाज
धर्मेंद्र छठी क्लास में ही कर बैठे थे इश्क, हेमा-प्रकाश कौर से शादी के बाद भी पहली प्रेमिका की याद में हो उठे थे भावुक
पीएम मोदी का 11 साल का कार्यकाल बदली हुई सरकार नहीं, बदले युग का प्रतीक : सुधांशु त्रिवेदी
मुस्लिम ड्राइवर को देख भड़क जाती हैं लड़कियां, फिर करती है ऐसा काम!
Tatkal Ticket Booking: किस दिन से बुक नहीं होगा तत्काल टिकट, रेलवे ने नियम में क्या किया बदलाव

शोधः हर हफ्ते बदलती शिफ्ट आपको दे रही है ये बीमारियां

अध्ययन में शामिल विशेषज्ञों के मुताबिक बार-बार शिफ्ट में बदलाव होने से हमारे सोने और जागने की आदत पर असर पड़ता है.

अध्ययन में शामिल विशेषज्ञों के मुताबिक बार-बार शिफ्ट में बदलाव होने से हमारे सोने और जागने की आदत पर असर पड़ता है.

author-image
Drigraj Madheshia
New Update
शोधः हर हफ्ते बदलती शिफ्ट आपको दे रही है ये बीमारियां

बार-बार शिफ्ट में बदलाव होने से नुकसान( Photo Credit : न्‍यूज स्‍टेट)

अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपको पाचन संबंधी समस्याएं शुरू हो गई हैं. ब्‍लड प्रेशर (Blood Pressure) बढ़ गया है या डायबिटीज (Diabetes)  दस्‍तक दे रहा है या फिर पेट का घेरा (मोटापा) बढ़ रहा है तो इसकी वजह आपकी शिफ्ट भी हो सकती है. अगर आपकी शिफ्ट (Shift) हर हफ्ते बदल रही है तो यकीन मानिए यह बदलती शिफ्ट आपको इन बीमारियों के साथ दिमागी बीमारियां भी दे सकती है.

Advertisment

ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी में उन लोगों पर रिसर्च किया गया जिनकी शिफ्ट हर हफ्ते चेंज होती रहती है. इस शोध में यह बात सामने आई है कि शिफ्ट में काम करने वालों को अवसाद और चिंता होने की संभावना 33 प्रतिशत अधिक थी, विशेष रूप से उन लोगों की तुलना में जो रात की शिफ्ट में काम नहीं करते थे या फिर वैसे लोग जो 9 से 5 बजे वाली शिफ्ट करते थे.

यह भी पढ़ेंः डे नाइट मैच से पहले सचिन तेंदुलकर ने कही बड़ी बात, बोले- समझौता नहीं

अध्ययन में शामिल विशेषज्ञों के मुताबिक बार-बार शिफ्ट में बदलाव होने से हमारे सोने और जागने की आदत पर असर पड़ता है. हमारा शरीर इस आदत में बार-बार हो रहे बदलाव को झेल नहीं पाता. परिणाम स्‍वरूप लोगों में चिड़चिड़ापन आ जाता है.

यह भी पढ़ेंः रोचक तथ्‍यः टेलीविजन पर सबसे ज्‍यादा यह देखते हैं दर्शक, वह भी पूरा परिवार एक साथ

इसके अलावा शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने की संभावना भी 28 प्रतिशत अधिक होती है. यह परिणाम पिछले सात अध्ययनों में शामिल 28 हजार 438 प्रतिभागियों की जांच करने के बाद सामने आया है.

यह भी पढ़ेंः 1 दिसंबर से अनिवार्य हो जाएगा Fastag, टोल पर लंबी नहीं होगी कतार, Fastag ऐसे करेगा बेड़ा पार

दरअसल आजकल अधिकतर संस्‍थानों में 24 घंटे काम होता है. 24 घंटे काम करने का चलन तेजी से बढ़ने लगा है खासकर निजी कंपनियों में. इस वजह से बड़ी संख्या में लोगों को रात की शिफ्ट में काम करना पड़ता है या फिर हर हफ्ते उनकी शिफ्ट में बदलाव होता रहता है.

यह भी पढ़ेंः World Television Day: सिलाई की सुई और पंखे के मोटर से बना था दुनिया का पहला टीवी

ऐसे बहुत सारे कर्मचारी हैं जिनकी कभी सुबह तो कभी शाम या कभी रात में शिफ्ट लग जाती है. शोध में यह बात पता चली है कि इस तरह की शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को न सिर्फ मोटापा और मधुमेह का जोखिम अधिक है बल्कि यह बदलती शिफ्ट से इन्‍हें मानसिक रोग भी हो सकते हैं.

Source : एजेंसी

RESEARCH Day Shift Shift Workers
      
Advertisment