Eye flu: बदलते मौसम में 'आई फ्लू' के मामले तेजी से बढ़े, जानें संक्रमण से जुड़े छह भ्रम 

Eye flu: छोटे शहरों में या आम बोलचाल में इसे आंखों का आना कहा जाता है, आई फ्लू के मरीजों की आंखों के सफेद भाग में इन्फेक्शन फैल जाता है

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Mohit Saxena
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eye flu ( Photo Credit : social media )

बारिश और उमस भरे मौसम में बीते दिनों देश में 'आई फ्लू' के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है.आई फ्लू ने बच्चों और बुजुर्गों को बीमार कर दिया है. इस समय दिल्ली से छत्तीसगढ़ तक देश के करीब हर राज्य से आई फ्लू के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. फ्लू के बढ़ते मामलों ने लोगों को एक फिर डराना शुरू कर दिया है. इस रिपोर्ट में बताएंगे कि आखिर ये आई फ्लू है क्या. इसके साथ संक्रमण से जुड़े भ्रम क्या है. छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के अनुसार, 28 जुलाई तक में छत्तीसगढ़ में 'आई फ्लू' के 19,873 मामले दर्ज किए गए थे.  इस वायरस से संक्रमित लोग तीन से सात दिन में ठीक हो जाते हैं. वहीं  राजधानी दिल्ली के भी अस्पतालों में आंखों के संक्रमण के केस में बढ़ोतरी देखी गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एम्स में हर रोज करीब 100 आई फ्लू के मरीजों के मामले मिले हैं. 

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किसी भी उम्र के लोगों में फैल सकता है

आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर राकेश गुप्ता का कहना है कि आई फ्लू के मामलों में बीते ​कुछ दिनों से बढ़ोतरी देखी गई है. आमतौर पर यह आंखों का इंफेक्शन है. इसे  कंजंक्टिवाइटिस कहते हें. छोटे शहरों में या आम बोलचाल में इसे आंखों का आना भी कहा जाता है. गौरतलब है कि आंखों का सफेद भाग और आंतरिक पलकों पर कंजंक्टिवा क्लियर नाम की एक पर्त होती है. यह इंफेक्शन इसी कंजंक्टिवा की सूजन की स्थिति पैदा कर देता है. आई फ्लू के मरीजों की आंखों के सफेद भाग में इन्फेक्शन फैल जाता है. इससे न सिर्फ देखने में समस्या होती है, ​बल्कि आंखों में जलन रेडनेस जैसी समस्याएं सामने आती हैं. यह फ्लू किसी भी उम्र के लोगों में फैल सकता है. इस संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, एलर्जिक पेशेंट, बुजुर्ग और वीक इम्यूनिटी वाले लोगों में ज्यादा देखा गया है. 

आई फ्लू से जुड़ीं पांच बड़ी बातें 

- ये संक्रमण केवल बारिश के मौसम में देखा गया है. इस साल राजधानी में मामले बढ़ने का कारण यहां आई बाढ़ है

- आई फ्लू एक तरह का वायरस है. जो आंखों को इनफेक्ट कर देता है. 

- यह लगभग एक हफ्ते में ठीक हो जाता है. अगर किसी शख्स का इम्यूनिटी सिस्टम ठीक न हो तो वक्त लग जाता है. 

- इसके ये लक्षण होते है - आंखो का लाल होना, सूजन होना, पानी निकलना. 

- बच्चों में सबसे अधिक मामले मिलते है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी बहुत कम होती है. बच्चे सावधानी नहीं बरत पाते हैं. 

- लोगों में भ्रम रहता है कि काले चश्मे से इससे बचाव होता है. मगर ये गलत है. ये एक वायरल है. चश्मे का यही फायदा है कि किसी शख्स को अगर आई फ्लू है और वो काला चश्मा लगा ले तो बाकियों को ये पता समझ में आता जाता है कि इस शख्स से सोशल डिस्टेंसिंग रखें.

आई फ्लू में किस चीज रखना होगा ध्यान 

- मसालेदार और गर्म भोजन से रहे दूर
- ज्यादा नमकरीन खाना न खाएं 
- खट्टे फलों का सेवन न करें
- डेयरी उत्पादों से दूर रहें
- तला और चिकने भोजन से परहेज करें. 
- प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड आइटम से दूरी बनाएं.
- शराब और कैफीन वाले ड्रिंक्स से दूरी बनाकर रखें. 

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