स्तन कैंसर का समय पर इलाज नहीं किया जाये तो यह आपके लिये जानलेवा साबित हो सकता है। भारत में हर साल ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या में प्रति एक लाख में से तीस की औसत से इजाफा हो रहा है।
85 साल तक की महिलाओं को कैंसर हो सकता है और अगर इसके बारे में जानकारी हो तो इससे लड़ा जा सकता है।
भारत में महिलाओं में कैंसर के मामलों में 27 प्रतिशत मामले स्तन कैंसर के हैं। इस तरह की परेशानी 30 वर्ष की उम्र के शुरुआती वर्षो में होती है, जो आगे चलकर 50 से 64 वर्ष की उम्र में भी हो सकती है।
स्तन कैंसर के लक्षण
- स्तन या बगल में गांठ बन जाना
- स्तन के निप्पल से खून आना
- स्तन की त्वचा पर नारंगी धब्बे पड़ना
- स्तन में दर्द होना, गले या बगल में लिम्फ नोड्स के कारण सूजन
- 55 साल की उम्र के बाद मीनोपॉज होना
- कॉम्बिनेशन हार्मोन थेरेपी अधिक लेना
- परिवार में पहले से ही किसी को स्तन कैंसर होना
- ज्यादा शराब पीना
- ज्यादा गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
स्तन कैंसर के कारण:
स्तन कैंसर में इस रोग के ऊतक या टिश्यू स्तन के अंदर विकसित होते हैं। इस रोग होने के पीछे के प्रमुख कारण है- जीन की बनावट, पर्यावरण और खराब लाइफस्टाइल।
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स्तन कैंसर से बचाव के उपाय :
- शराब का सेवन बिल्कुल कम कर दें क्यूंकि इससे स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
- धूम्रपान से बचें क्यूंकि इसका स्तन कैंसर के बीच एक संबंध है। इसलिए, यह आदत छोड़ने में ही भलाई है।
- शरीर का वजन काबू में रखें और सक्रिय जीवन जीएं। अधिक वजन या मोटापे से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। रोजाना लगभग 30 मिनट व्यायाम जरूर करें।
- स्तनपान कराने से स्तन कैंसर की रोकथाम होती है।
- हार्मोन थेरेपी की अवधि तीन से पांच साल तक होने पर स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सबसे कम खुराक का प्रयोग करें जो आपके लिए प्रभावी है। आप कितना हारमोन लेते हैं इसकी निगरानी डॉक्टर खुद करे तो बेहतर होगा।
- फलों और सब्जियों से भरपूत और संपूर्ण अनाज और कम वसा वाला आहार लें।
- तनाव शरीर के रक्षा तंत्र को बिगाड़ता है। योग अभ्यास, गहरी सांस लेने और व्यायामक रने से लाभ होता है।
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(इनपुट: आईएएनएस)
Source : News Nation Bureau