Brain Dead: इन हालातों में होता है ब्रेन डेड, जानें इसके बाद क्या हैं ऑप्शन

Brain Dead: ब्रेन डेड में व्यक्ति का दिमाग की कार्यक्षमता पूरी तरह से खत्म हो जाती है, ऐसी स्थिति में व्यक्ति की केवल सांस चलती है. आइए जानें क्या हैं इसके कारण और संभावित उपचार

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Ritika Shree
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Brain dead

Brain dead ( Photo Credit : social media)

Brain Dead: ब्रेन डेड (Brain dead) एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति के दिमाग का कोई सक्रियता नहीं होती है, और उसके शरीर की सभी क्रियाएँ स्थाई रूप से बंद हो जाती हैं. यह स्थिति अक्सर गंभीर मस्तिष्क विकृति, गंभीर अप्रत्याशित चोट या स्थायी गंभीर बीमारी के परिणामस्वरूप होती है. जब किसी को ब्रेन डेड के रूप में घोषित किया जाता है, तो उसके दिमाग के किसी भी हिस्से की कोई सक्रियता नहीं होती है और वह एक संजीवन शक्ति के लिए अयोग्य हो जाता है. इस स्थिति में, व्यक्ति का लाइफ सपोर्ट बंद हो जाता है, और उसके शरीर की जीवनरक्षक क्रियाएँ मूल रूप से बंद कर दी जाती हैं. इस अवस्था में, व्यक्ति को मृत घोषित किया जाता है. "Brain dead" होने के कई कारण हो सकते हैं. इस स्थिति में, व्यक्ति के दिमाग के किसी भाग की सक्रियता पूरी तरह से खत्म हो जाती है, जिससे उसके शरीर के अन्य भागों को संचालित करने की क्षमता खो जाती है. एक आंकड़े के अनुसार, दुनियाभर में हर साल 15 हजार से 20 हजार लोगों की मौत होती है.

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ब्रेन डेड के कारण

गंभीर मस्तिष्क विकृति: एक गंभीर चोट, दिमाग की कमजोरी, या रक्तस्राव की समस्या जैसी किसी गंभीर दिमागी घातकता भी ब्रेन डेड के कारण हो सकती है.

अप्रत्याशित गंभीर चोट: कई बार अप्रत्याशित चोट या सर्जरी के बाद रक्तस्राव के कारण भी दिमागी सक्रियता को खत्म कर सकता है.

गंभीर रिसर्च: किसी गंभीर रोग के इलाज के दौरान रिसर्च करते समय या यह स्थिति किसी गंभीर अप्रत्याशित चिकित्सीय संक्रमण के कारण भी उत्पन्न हो सकती है.

दिमाग की सिकुड़न: दिमाग के अधिक दबाव के कारण या विभिन्न कारणों से दिमाग की संकुचन होने के बावजूद, व्यक्ति का दिमाग कार्य करने में अक्षम हो जाता है.

क्या ब्रेन डेड का इलाज है ?

दुर्भाग्यवश, ब्रेन डेड होने का कोई इलाज नहीं है. जब किसी व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित किया जाता है, तो इसका मतलब है कि उनका ब्रेन स्टेम पूरी तरह से काम करना बंद कर चुका है, जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है. सांस लेने, दिल धड़कने और रक्तचाप को बनाए रखने जैसे कार्यों को केवल मशीनों द्वारा ही समर्थित किया जा सकता है.

यह समझना महत्वपूर्ण है कि मस्तिष्क और दिमागी क्रियाएं बिल्कुल अलग चीजें हैं. जबकि मशीनें शरीर के कुछ कार्यों को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं, जो व्यक्ति को "जीवित" दिखा सकता है, लेकिन उनके पास कोई सोच, महसूस करने या जागरूक रहने की क्षमता नहीं होती.

हालांकि ब्रेन डेड होने का इलाज संभव नहीं है, लेकिन अंगदान का विकल्प मौजूद है. ब्रेन डेड व्यक्ति के स्वस्थ अंगों को जरूरतमंद व्यक्तियों को दान किया जा सकता है, जिससे उन्हें नया जीवन मिल सकता है.

अगर आप ब्रेन डेड के बारे में अधिक जानना चाहते हैं या इस स्थिति का सामना कर रहे किसी प्रियजन की सहायता की आवश्यकता है, तो कृपया किसी चिकित्सक या किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करें. वे आपको इस मुश्किल समय में मार्गदर्शन और सहायता दे सकते हैं.

Source : News Nation Bureau

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