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ब्लैक फंगस : एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉइड्स और ज्यादा स्टीम...ये मिश्रण बढ़ा रहा महामारी का खतरा?

ब्लैक फंगस को लेकर किए गए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉइड्स और ज्यादा स्टीम का मिश्रण इस संक्रमण के खतरे को और बढ़ाता है.

Updated on: 24 May 2021, 11:45 AM

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के असर के बीच देश में ब्लैक फंगस महामारी भी कहर बरपा रही है. दिनों दिन यह महमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. कई राज्यों में अब तक ब्लैक फंगस ने पैर जमा लिए हैं, जिससे मरीजों की संख्या लगतार बढ़ रही है. इस बीच ब्लैक फंगस को लेकर किए गए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉइड्स और ज्यादा स्टीम का मिश्रण इस संक्रमण के खतरे को और बढ़ाता है. स्टडी के मुताबिक, कुछ ऐसी चीजें हैं जो कोरोना मरीजों में कॉमन हैं, जिनसे ब्लैक फंगस की चुनौती के बारे में कुछ समझा जा सकता है.

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आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों ने ब्लैक फंगस के बारे में जानकारी जुटाने के लिए 210 मरीजों पर अध्ययन किया. इन मरीजों को एंटीबायोटिक्स (Azithromycin, Doxycycline and Carbapenems) दी गई थीं, मगर इसके बाद ये लोग ब्लैक फंगस से संक्रमित मिले. मध्य प्रदेश के महाराजा यशवंतराव अस्पताल के डॉ. वीपी पांडे ने इस स्टडी को लिखा है. इसमें दावा किया गया कि जो ब्लैक फंगस के मरीज मिले, उनमें सिर्फ 14 फीसदी मरीजों में ही स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय इसे ही ब्लैक फंगस के पीछे मुख्य कारण बताता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय अभी तक डायबिटीज के मरीजों को ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा होने की बात करता आया है. मगर स्टडी के अनुसार, 21 फीसदी मरीज ऐसे थे, जिनमें डायबिटीज के कोई लक्षण नहीं थे. अध्ययन में बताया कि हालांकि कई मरीजों को डायबिटीज से शुरू कुछ अन्य दिक्कतें थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, स्टडी में बताया कि ब्लैक फंगस के शिकार मरीजों में 30 फीसदी तक मृत्यु दर है. हालांकि ये पहले के मुकाबले कुछ हद तक कम है. वहीं इस महामारी से ब्लैक फंगस के शिकार होने वालों में 78.9 फीसदी पुरुष है और अहम बात यह है कि इसमें से भी 41 फीसदी वो हैं, जो कोरोना को मात देकर डिस्चार्ज हुए थे.

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रिपोर्ट के अनुसार, ब्लैक फंगस के मरीजों में एक और चीज जो पाई गई, वह यह है कि अधिक मात्रा में स्टीम लेना भी मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है. आईएमए के कोच्चि चैप्टर के पूर्व प्रमुख डॉ. राजीव जयवर्धन ने इसको लेकर चेताया भी है. राजीव जयवर्धन कहते हैं कि शरीर में एक लेयर है, जो हमें एक तरह के बैक्टीरिया से बचाती है, मगर स्टीम की अधिक मात्रा इसको नुकसान पहुंचा सकती है.

आपको बता दें कि भारत में दिनों दिन ब्लैक फंगस के मरीज बढ़ रहे हैं. इस वक्त देश में ब्लैक फंगस के 9 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. जबकि सैकड़ों मरीजों की मौत हो चुकी है. अब तक कई राज्यों ने इसे भी कोरोना की तरह महामारी घोषित कर दिया है.