logo-image

कोरोना की 'दूसरी लहर' के बीच आई बड़ी खुशखबरी, भारत में जल्द लॉन्च होगी एक और वैक्सीन

कोरोना की इस दूसरी लहर के बीच भारत की जनता के लिए एक बड़ी खुशखबरी भी सामने आई है. भारत को अब जल्द ही कोरोना वायरस की एक और वैक्सीन मिलने जा रही है.

Updated on: 28 Mar 2021, 10:32 AM

highlights

  • कोरोना के कहर के बीच बड़ी खुशखबरी
  • भारत में जल्द लॉन्च होगी एक और वैक्सीन
  • सीरम इंस्टीट्यूट लॉन्च करेगा 'कोवोवैक्स'

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर जबरदस्त तरीके से कहर बरपा रहा है. कोरोना के दैनिक मामलों में हर रोज बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. कोरोना के दोबारा अटैक से लोग भी चिंतित हैं. हालांकि कोरोना की इस दूसरी लहर के बीच भारत की जनता के लिए एक बड़ी खुशखबरी भी सामने आई है. भारत को अब जल्द ही कोरोना वायरस की एक और वैक्सीन मिलने जा रही है. दुनिया की सबसे बड़ी कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस साल सितंबर तक कोरोना की नई वैक्सीन 'कोवोवैक्स' को लॉन्च कर सकती है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने खुद यह घोषणा की है.

यह भी पढ़ें : दुनियाभर में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 12.60 करोड़ के पार, भारत की स्थिति चिंताजनक

सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, 'कोवोवैक्स का परीक्षण आखिरकार भारत में शुरू हो गया है. यह वैक्सीन नोवावैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी के माध्यम से तैयार की गई है.' उन्होंने कहा कि कोविड-19 के अफ्रीकी और यूके वैरिएंट के खिलाफ इसका परीक्षण किया गया है और इसकी कुल प्रभावकारिता 89 प्रतिशत है. अदार पूनावाला ने आगे कहा कि सितंबर 2021 तक लॉन्च होने की उम्मीद है.

नोवावैक्स, जिसका मुख्यालय अमेरिका में है, द्वारा विकसित यह वैक्सीन प्रोटीन-आधारित कोविड-19 वैक्सीन है. अगस्त 2020 में दोनों कंपनियों ने एक समझौते की घोषणा की, जिसके तहत नोवावैक्स ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वैक्सीन के निर्माण और आपूर्ति के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को लाइसेंस दिया था.

यह भी पढ़ें : ऐसे अब तेजी से पता चल सकेगा आपको कोविड है या नहीं!

आपको बता दें कि भारत में पहले ही दो कोरोना वैक्सीन, 'कोवैक्सीन' और 'कोविशील्ड' को इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसमें से 'कोविशील्ड' को सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा ही बनाया गया है. 'कोविशील्ड' को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है, लेकिन इसका निर्माण भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा किया जा रहा है. भारत ने कोरोना से लड़ने के लिए इन वैक्सीन को न सिर्फ देश की जनता, बल्कि विश्व के अधिकतर देशों तक पहुंचाया है.