logo-image

बहुत लाभकारी है जामुन का फल, गुठलियों से भी होता है कई बीमारियों का इलाज

जामुन (Jamun) का फल खाने के बाद हम गुठलियों (Jamun Seeds) को आमतौर फेंक देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जामुन की गुठलियों (Jamun Seeds) का भी बहुत उपयोग होता है. जामुन के बीज में विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड जैसे कई गुण होते हैं.

Updated on: 20 Mar 2021, 11:36 AM

highlights

  • टायबिटीज रोगियों के लिए रामबाण इलाज है जामुन 
  • जामुन के बीजों का चुर्ण पाचन शक्ति बढ़ाता है
  • कील-मुहासों से छुटकारा पाने के लिए जामुन के बीज लाभकारी

नई दिल्ली:

धरती पर जीवन बरकरार रहे, इसके लिए जरूरी है कि प्रकृति की सुंदरता बनी रहे. इंसानों के लिए प्रकृति यानी पेड़-पौधों का महत्व और बढ़ जाता है. क्योंकि इंसानों को सबसे ज्यादा बीमारियां जकड़ लेती हैं. प्रकृति हमें ना सिर्फ स्वस्थ्य रहने के लिए फल-सब्जियां देती है, बल्कि कई फलों से हमारी गंभीर बीमारियों का इलाज हो सकता है. आज हम आपको जामुन (Jamun) के फायदे में बताने वाले हैं. काले-काले जामुन (Jamun) को गर्मियों में खूब खाया और पसंद किया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये काला रंग का छोटा सा फल भी बहुत सी गंभीर बीमारियों को चुटकी में खत्म कर सकता है. 

जामुन (Jamun) में इसमें फाइबर (Fiber) होता है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है. जामुन (Jamun) का फल खाने के बाद हम गुठलियों (Jamun Seeds) को आमतौर फेंक देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जामुन की गुठलियों (Jamun Seeds) का भी बहुत उपयोग होता है. जामुन के बीज में विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम और फ्लेवोनोइड जैसे कई गुण होते हैं, जो कि डायबिटीज, शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके पाचन को दुरुस्त करने और वजन कंट्रोल करने समेत कई चीजों में आपकी मदद कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- हाइपर एसिडिटी में राहत के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपचार

टायबिटीज का रामबाण इलाज

जामुन हमारे शरीर में डायबिटीज के स्तर को बैलेंस करने की क्षमता के लिए जाना जाता है. जामुन के बीजों में जाम्बोलिन और जाम्बोसिन नामक यौगिक होते हैं, जो रक्त में शर्करा की दर को कम करते हैं. जामुन के बीज इंसुलिन के उत्पादन को भी बढ़ाते हैं. विशेषज्ञों ने कई अलग-अलग अध्ययनों में इस बात को पाया कि जामुन की गुठली के चूर्ण का सेवन करने से फास्टिंग शुगर में कमी आती है.

पाचन शक्ति बढ़ाता है

कई लोगों को पाचन की बड़ी दिक्कत होती है. जिन्हें ऐसी समस्या होती है, उन्हें कई चीजों को ना खाकर अपना मन तक मारना पड़ता है. लेकिन ये बात बेहद कम लोग जानते हैं कि जामुन के बीज पाचन के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं. इसलिए अगर आपको पाचन से जुड़ी समस्या है, तो आपको जामुन के बीज खाने से काफी आराम मिल सकता है.

बीपी कंट्रोल करता है

ये भी पढ़ें- Home Remedies: कब्ज से हैं परेशान, तो अपनाएं ये घरेलू उपचार

जामुन की गुठली में एलेजिक एसिड की मात्रा पाई जाती है. तमाम शोध बताते हैं कि एलेजिक एसिड बढ़े हुए बीपी को कम करने में काफी मददगार होता है. ऐसे में हाई बीपी के मरीजों के लिए इसका इस्तेमाल ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए किया जा सकता है. तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि एलेजिक एसिड के प्रयोग से ब्लड प्रेशर लगभग 36 फीसदी तक कम हो सकता है.

कील-मुहासों से छुटकारा

मुंहासे होने पर जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लीजिए. इस पाउडर में गाय का दूध मिलाकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाइए और सुबह मुंह ठंडे पानी से धो लीजिए. इससे काफी लाभ मिलता है.

पथरी का इलाज

दि पथरी की समस्या है तो जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाने से पथरी में फायदा होता है. पथरी की रोकथाम में भी जामुन खाना फायदेमंद होता है. इसके बीज को बारीक पीसकर पानी या दही के साथ लेना चाहिए.

दांतों के लिए लाभकारी

दांतों और मसूड़ों के बेहतर सेहत के लिए भी जामुन की गुठलियां काफी फायदेमंद होती हैं. जामुन की गुठलियों में कैल्शियम होता है. इसके सेवन से दांत और मसूड़े मजबूत बने रहते हैं.

छोटे बच्चों को फायदा

अगर बच्चा बिस्तर गीला करता है तो जामुन की गुठली को पीसकर आधा-आधा चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ देने से काफी लाभ मिलता है. इसके अलावा यदि बच्चे को बोलने में दिक्कत हो रही हो तो जामुन की गुठली के काढे़ से कुल्ला कीजिए. इससे आवाज स्पष्ट होती है.

ऐसे बनाएं पाउडर 

जामुन को धूप में सुखाकर पाउडर बनाने के लिए जामुन खाने के बाद गुठली को अच्छी तरह धो लें. फिर धूप में अच्‍छी तरह से सुखाकर इसका छिलका उतार लें. सूखने के बाद इसे अच्छी तरह से पीस लें. रोजाना एक चम्मच सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें. एक बार इसे लेने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लें.

सावधानी

ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में जामुन खाने से शरीर में जकड़न और बुखार होने की संभावना भी रहती है. इसे कभी खाली पेट नहीं खाना चाहिए और ना ही इसे खाने के बाद दूध पीना चाहिए.