छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस : दिखने में महल से कम नहीं, अंग्रेजों के जमाने के इस रेलवे स्टेशन ने झेला था सबसे बड़ा आतंकी हमला
मालविका मोहनन ने की प्रभास की तारीफ, 'बाहुबली' की गिनाईं खूबियां
इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज में एंडरसन और तेंदुलकर को सम्मानित करने के लिए नई ट्रॉफी
दिल्ली : जहांगीरपुरी हत्या मामला 24 घंटे में सुलझा, एक नाबालिग सहित तीन आरोपी पकड़े गए
राहुल गांधी के जन्मदिवस पर युवा कांग्रेस ने निकाली 'रन फॉर डेमोक्रेसी' रैली
पीएम मोदी का ओडिशा दौरा विकास युग की शुरुआत का प्रतीक : पृथ्वीराज हरिचंदन
सिंगर जावेद अली बने म्यूजिशियन, ‘आमी डाकिनी’ के टाइटल ट्रैक से किया डेब्यू
इस तरह संजय कपूर के साथ त्योहार मनाते थे करिश्मा के बच्चे, सौतेली मां ने शेयर की थी तस्वीरें
Rishabh Pant: पहले टेस्ट को लेकर पंत ने किया बड़ा ऐलान, बताया किस पोजीशन पर खेलेंगे शुभमन गिल

आपके कान में बजती घंटी करती है दिमाग को ज्यादा सतर्क

अक्सर आप के कान में भी घंटी बजने की आवाज सुनाई देती होगी। कान में घंटी बजने का अहसास होने को विज्ञान की भाषा में टिनिटस कहा जाता है।

अक्सर आप के कान में भी घंटी बजने की आवाज सुनाई देती होगी। कान में घंटी बजने का अहसास होने को विज्ञान की भाषा में टिनिटस कहा जाता है।

author-image
ruchika sharma
एडिट
New Update
आपके कान में बजती घंटी करती है दिमाग को ज्यादा सतर्क

कान में घंटी (फाइल फोटो)

अक्सर आप के कान में भी घंटी बजने की आवाज सुनाई देती होगी कान में घंटी बजने का अहसास होने को विज्ञान की भाषा में टिनिटस कहा जाता है

Advertisment

इसका संबंध दिमाग के कुछ एक नेटवर्क में होने वाले बदलाव से है।एक शोध की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इस बदलाव के कारण दिमाग आराम की मुद्रा में कम और सतर्कता की मुद्रा में ज्यादा आ जाता है।

'न्यूरो इमेज' पत्रिका में छपे शोध परिणाम के अनुसार, अगर आपको बैचेन करने वाली टिनिटस है, तो आपको ध्यान संबंधी समस्या होगी, क्योंकि आपका ध्यान जरूरत से ज्यादा आपके टिनिटस से जुड़ा होगा और दूसरी बातों पर कम ध्यान होगा।

शोधकार्य का नेतृत्व करने वाली अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफर इलिनॉयस की फातिमा हुसैन कहती हैं, 'टिनिटस अदृश्य है।

और पढ़ें: स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 1094, अस्पताल नहीं कर रहे निर्देशों का पालन

जिस तरह हम डायबिटीज या हाइपरटेंशन को नहीं माप सकते, उसी तरह हमारे पास उपलब्ध किसी यंत्र से इसे नहीं मापा जा सकता।'

हुसैन ने कहा, 'यह आवाज लगातार आपके दिमाग में रह सकती है, लेकिन कोई दूसरा व्यक्ति इसे नहीं सुन सकता और शायद वह आपकी बात पर विश्वास भी न करे। वह सोच सकता है कि यह महज आपकी कल्पना है। चिकित्सकीय रूप से हम इसके कुछ लक्षणों को ठीक कर सकते हैं, इसे पूरी तरह ठीक नहीं कर सकते, क्योंकि हम यह नहीं जानते कि यह किस वजह से होता है।'

और पढ़ें: कॉफी के 5 ब्यूटी बेनिफिट, जो आपकी त्वचा को देंगे नया रंग

दिमाग के कार्य और संरचना को देखने के लिए एमआरआई के प्रयोग के बाद हमने अध्ययन में पाया कि टिनिटस सुनने वाले के दिमाग में था।

दिमाग के इस क्षेत्र को प्रिकुनियस कहते हैं। प्रिकुनियस दिमाग में विपरीत रूप से जुड़े दो तंत्रों से जुड़ा होता है।

विपरीत रूप से जुड़ा यह तंत्र पृष्ठीय और डिफॉल्ट मोड तंत्र होता है।

पृष्ठीय तंत्र तब सक्रिय होता है, जब कोई व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करता है, जबकि डिफॉल्ट मोड पृष्ठभाग में कार्यरत रहता है, जब व्यक्ति आराम कर रहा होता है या कुछ खास नहीं सोच रहा होता है।

और पढ़ें: बिग बॉस 11 में ऐश्वर्या-अभिषेक की शादी में हंगामा करने वाली मॉडल आएंगी नजर

Source : IANS

brain network ear noise tinnitus
      
Advertisment