/newsnation/media/post_attachments/images/2022/10/23/sleep-31.jpg)
अनिद्रा( Photo Credit : News Nation)
शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए भोजन के साथ-साथ गहरी नींद भी जरूरी है. गहरी नींद लेने से जहां तनाव कम होता है वहीं शरीर की पाचन प्रक्रिया से लेकर अन्य अंग सही से काम करते हैं. आज की भाग-दौड़ की दिनचर्या में लोग सही से नींद नहीं ले पाते हैं. जो बाद में कई तरह के रोगों का कारण बनता है. एक नए अध्ययन में कहा गया है कि 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोग जो एक दिन में अधिकतम पांच घंटे सोते हैं, उनमें हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी कई रोगों के विकसित होने का अधिक जोखिम होता है.
शोधकर्ताओं की टीम ने 50, 60 और 70 साल की उम्र में 7,864 ब्रिटिश सिविल सेवकों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. उन्होंने 25 वर्षों की अवधि में प्रतिभागियों की नींद की अवधि को मापा और बहु-रुग्णता के साथ इसके संबंध की जांच की, जिसे अध्ययन ने "13 पुरानी बीमारियों की पूर्वनिर्धारित सूची में से 2 या अधिक पुरानी बीमारियों की उपस्थिति" के रूप में परिभाषित किया.
दूसरा उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि क्या 50 वर्ष की आयु में नींद की अवधि एक पुरानी बीमारी के प्राकृतिक पाठ्यक्रम को आकार देती है - एक स्वस्थ अवस्था से लेकर पुरानी बीमारी की अवस्था, बहुमूत्रता और मृत्यु तक - एक बहुस्तरीय मॉडल का उपयोग करके. निष्कर्षों के अनुसार, 50 वर्ष की आयु में पांच घंटे या उससे कम समय तक सोने वाले प्रतिभागियों में पुरानी बीमारी विकसित होने का 20 प्रतिशत अधिक जोखिम था, और 25 वर्षों में दो या अधिक पुरानी बीमारियों के निदान के समान जोखिम में वृद्धि हुई थी. उनके साथ जो सात घंटे तक सोते थे.
शोधकर्ताओं ने पाया कि 50, 60 और 70 वर्ष की आयु में पांच घंटे या उससे कम समय तक सोने से 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत मल्टीमॉर्बिडिटी का खतरा बढ़ जाता है. जबकि निष्कर्ष बताते हैं कि कम नींद की अवधि पुरानी बीमारी और बहु-रुग्णता की शुरुआत से जुड़ी है, "मृत्यु दर में संक्रमण के साथ कोई सुसंगत संबंध नहीं पाया गया." अध्ययन में कहा गया है.
Source : News Nation Bureau
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us