वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर कोविशील्ड खुराक के बीच अंतर में वृद्धि
आंकड़ों का हवाला देते हुए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई)के कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष एन.के. अरोड़ा ने बताया कि 12 सप्ताह का अंतराल होने पर टीके की प्रभावशीलता 65 प्रतिशत से 88 प्रतिशत के बीच भिन्न होती है.
highlights
- दो कोविशील्ड खुराक के बीच के अंतर को बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का निर्णय लिया गया
- एडेनोवेक्टर टीके बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं
नई दिल्ली:
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई)के कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष एन.के. अरोड़ा ने कहा कि दो कोविशील्ड खुराक के बीच के अंतर को 4-6 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का निर्णय एडिनोवेक्टर टीकों के व्यवहार के संबंध में वैज्ञानिक कारणों पर आधारित है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग की कार्यकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा इस साल अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए अरोड़ा ने बताया कि 12 सप्ताह का अंतराल होने पर टीके की प्रभावशीलता 65 प्रतिशत से 88 प्रतिशत के बीच भिन्न होती है. जब उनसे सरकार द्वारा कोविशील्ड डोज के बीच बढ़ाए गए अंतर से संबंधित सवाल किए गए तो, उन्होंने कहा, "यह वह आधार था जिसके बाद उन्होंने अल्फा वेरिएंट के कारण अपने महामारी के प्रकोप पर काबू पाया. यूके इससे बाहर आने में सक्षम था, क्योंकि उन्होंने जो अंतराल रखा था वह 12 सप्ताह था."
उन्होंने कहा, "हमने यह भी सोचा कि यह एक अच्छा विचार है, क्योंकि हमारे पास इसका मौलिक वैज्ञानिक कारण हैं कि जब अंतराल बढ़ाया जाता है, तो एडेनोवेक्टर टीके बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं. इसलिए 13 मई को अंतराल को बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का निर्णय लिया गया." अरोड़ा ने कहा, "हमारे पास एक बहुत ही खुली और पारदर्शी प्रणाली है जहां वैज्ञानिक आधार पर निर्णय लिए जाते हैं." उन्होंने स्पष्ट किया कि कोविड वर्किंग ग्रुप ने बिना किसी असहमति के यह निर्णय लिया. "इस मुद्दे पर एनटीएजीआई की बैठक में बिना किसी असहमति के फिर से चर्चा की गई. सिफारिश की गई थी कि टीका अंतराल 12-16 सप्ताह होना चाहिए." अरोड़ा ने कहा कि चार सप्ताह का पहला निर्णय उस समय उपलब्ध ब्रिजिंग परीक्षण डेटा पर आधारित था और दो खुराक के बीच अंतर में वृद्धि उन अध्ययनों पर आधारित थी जो अंतराल में वृद्धि के साथ उच्च प्रभावकारिता दिखाते थे. "कोविशील्ड पर प्रारंभिक अध्ययन बहुत विषम थे. यूके जैसे कुछ देशों ने दिसंबर 2020 में वैक्सीन की शुरुआत के समय 12 सप्ताह के खुराक अंतराल के लिए गए थे."
उन्होंने कहा, "जब हमें अपना अंतराल तय करना था, तो हम अपने ब्रिजिंग परीक्षण डेटा के आधार पर चार सप्ताह के अंतराल के लिए गए, जिसने अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दिखाई. बाद में हमें अतिरिक्त वैज्ञानिक और प्रयोगशाला डेटा मिला, जिसके आधार पर छह सप्ताह के बाद हमने महसूस किया कि हमें अंतराल को चार सप्ताह से बढ़ाकर आठ सप्ताह करना चाहिए. अध्ययनों से पता चला है कि चार सप्ताह होने पर टीके की प्रभावशीलता लगभग 57 प्रतिशत और आठ सप्ताह होने पर लगभग 60 प्रतिशत होती है. इस बारे में पूछे जाने पर कि एनटीएजीआई ने अंतराल को पहले 12 सप्ताह तक क्यों नहीं बढ़ाया, उन्होंने कहा, "हमने तय किया कि हमें यूके (एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का दूसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता) से जमीनी स्तर के डेटा की प्रतीक्षा करनी चाहिए." उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा, श्रीलंका और कुछ अन्य देशों जैसे अन्य उदाहरण हैं जो एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए 12-16 सप्ताह के अंतराल का उपयोग कर रहे हैं जो कि कोविशील्ड वैक्सीन के समान है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी