स्मार्टफोन (Smartphone) पर भारतीय (Indian) औसतन प्रति वर्ष 1,800 घंटे बिताते हैं. एक सर्वे ने शुक्रवार को बताया कि चार में से तीन उत्तरदातोओं ने कहा कि यदि स्मार्टफोन का वह ऐसे ही इस्तेमाल करते रहे तो यह उनकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. साइबर मीडिया रिसर्च (CMR) और चाइना की स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी वीवो के ज्वाइंट सर्वे में आधे से ज्यादा लोगों ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने कभी भी अपने सोशल मीडिया हैंड्ल्स से दूर रहने का प्रयास नहीं किया और वह अपने फोन के बिना नहीं रह सकते हैं. जबकि अधिकतर उत्तरदाताओं ने कहा कि वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ वर्चुअल बातचीत के पक्षधर हैं.
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सीएमआर के इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के प्रमुख प्रभु राम ने कहा, 'इन परिणामों से पता चलता है कि स्मार्टफोन के प्रति हमारी निर्भता बढ़ी है. एक ओर जहां स्मार्टफोन प्राथमिक रूप से डिवाइस के लिए हमेशा जारी प्रयोग में रहेगा, वहीं यूजर्स ने महसूस किया है कि समय-समय पर इसे स्विच-ऑफ करने से उनके व्यक्तिगत स्वास्थ्य को लाभ होगा.' स्मार्टफोन की लत के चलते 30 प्रतिशत कम लोग महीने में कई बार परिजनों और दोस्तों से मिलते हैं.
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तीन में से एक व्यक्ति ने कहा कि वह अपने दोस्तों और परिजनों के साथ फोन करते वक्त फोन को चेक किए बिना पांच मिनट के लिए भी नहीं रह सकते हैं. वहीं पांच में से तीन उत्तरदाताओं ने कहा कि मोबाइल फोन से इतर भी जीवन जीना जरुरी है, जिसके चलते उन्हें खुशी प्राप्त हो सकती है.
Source : आईएएनएस