देश के उद्योग एवं वाणिज्य क्षेत्र की प्रतिनिधि संस्था, एसोचैम ने अपने एक अध्ययन का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि भारत में स्वास्थ्य देखभाल का बाजार 2022 तक तीन गुना बढ़कर 372 अरब डॉलर का हो सकता है।
एसोचैम-आरएनसीओएस के संयुक्त अध्ययन का हलावा देते हुए एसोचैम की विज्ञप्ति में कहा गया है, 'मूल्य के मामले में भारत के स्वास्थ्य देखभाल बाजार का आकार 2016 के 110 अरब डॉलर से तीन गुना बढ़कर 2022 तक 372 अरब डॉलर का हो सकता है। इस प्रकार देश के स्वास्थ्य देखभाल बाजार में 22 फीसदी संयोजित सालाना विकास दर (सीएसजीआर) से इजाफा दर्ज किया जाएगा।'
अध्ययन में कहा गया है कि जीवन-पद्धति से संबंधित रोगों, वहन योग्य स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी संबंधी विकास, टेली मेडिसिन की उत्पत्ति, स्वास्थ्य बीमा का तेजी से प्रसार, अछूते बाजारों में कारोबारों के विलय व अधिकरण और कर लाभ, प्रोत्साहन व नियामक नीतियों जैसी सरकारी पहलों से भारत में स्वास्थ्य देखभाल का बाजार में प्रसार हो रहा है।
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'इंडियन हेल्थकेयर सेक्टर-एन ओवरव्यू' नामक पत्र के मुताबिक, उम्रदराज लोगों की आबादी में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य सेवा संबंधी पर्यटन में इजाफा और स्वास्थ्य सेवाओं पर लागत खर्च में लगातार कमी से चिकित्सा संबंधी उपकरणों के घरेलू बाजार को बढ़ावा मिलेगा, जोकि 2016 में चार अरब डॉलर था, और 15 फीसदी बढ़ोतरी के साथ वह 2022 तक 11 अरब डॉलर का हो जाएगा।
अध्ययन में कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से भारतीय स्वास्थ्य सेवा बाजार, खासतौर से फार्मास्युटिकल के क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
एसोचैम के अनुसार, भारत का फार्मास्युटिकल यानी औषधि बाजार आकार के मामले में दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बाजार है, जबकि मूल्य के हिसाब से इसका स्थान दुनिया में 13वां है।
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Source : IANS