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संभलकर करें आर्टिफिशल स्वीटनर का इस्तेमाल, बढ़ सकता है हृदय रोग खतरा

एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि आर्टिफिशल स्वीटनर से वजन बढ़ने और मोटापे का खतरा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदयरोग का जोखिम बढ़ सकता है

Updated on: 22 Jul 2017, 11:09 AM

नई दिल्ली:

आर्टिफिशल स्वीटनर से वजन बढ़ने और मोटापे का खतरा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदयरोग का जोखिम बढ़ सकता है। एक रिसर्च में यह दावा किया गया है।

दरअसल आजकल मार्केट में इन दिनों आर्टिफिशल स्वीटनर का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। लोग भी इसे हेल्दी समझ कर खूब इस्तेमाल करते है। लेकिन एक अध्ययन में दावा किया गया है कि आर्टिफिशल स्वीटनर के इस्तेमाल से वजन घटता नहीं बल्कि बढ़ता है।

कनाडा की यूनिवसर्टिी ऑफ मानिटोबा के रिसर्चर्स के अनुसार एस्पार्टेम, सीक्रलोज और स्टेविया जैसे आर्टिफिशल स्वीटनर का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। इन आर्टिफिशल और नॉन न्यूट्रिशनल स्वीटनर्स का हमारी पाचन क्षमता, आंतों के बैक्टीरिया और भूख पर पड़ता है।

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हमारे वजन और दिल की सेहत पर आर्टिफिशल स्वीटनर के पडऩे वाले असर को जानने के लिए रिसर्चर्स ने 37 रिसर्च की सुनियोजित समीक्षा की। इन रिसर्च में लगभग 10 वर्ष के दौरान 4 लाख लोग शामिल किए गए थे। लंबे समय के शोधों में पाया गया कि आर्टिफिशल स्वीटनर्स के इस्तेमाल और तुलनात्मक रूप से वजन बढ़ने के खतरे और मोटापे, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदयरोग तथा अन्य सेहत संबंधी मुद्दों के बीच संबंध देखा गया।

यह अध्ययन कनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल (सीएमएजे) में प्रकाशित किया गया।

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