जानिए, क्यों डिप्रेशन में शराब पीना हो सकता है खतरनाक?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की जानकारी के मुताबिक डिप्रेशन के दौरान शराब या दूसरे मादक पदार्थो का सेवन करने से समस्या ख़त्म नहीं होती बल्कि और खराब हो जाती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की जानकारी के मुताबिक डिप्रेशन के दौरान शराब या दूसरे मादक पदार्थो का सेवन करने से समस्या ख़त्म नहीं होती बल्कि और खराब हो जाती है।

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ruchika sharma
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जानिए, क्यों डिप्रेशन में शराब पीना हो सकता है खतरनाक?

डिप्रेशन में शराब पीना हो सकता है खतरनाक

आज कल की तनाव भरी जिंदगी में राहत पाने क लिए अक्सर मादक पदार्थो का सेवन किया जाता है। अक्सर डिप्रेशन या तनाव के शिकार लोग मादक पदार्थों का सेवन करते है लेकिन क्या आपको पता है कि मादक पदार्थ परेशानियों को कम नहीं बल्कि और बड़ा देते है।

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों की जानकारी के मुताबिक डिप्रेशन के दौरान शराब या दूसरे मादक पदार्थो का सेवन करने से समस्या ख़त्म नहीं होती बल्कि और खराब हो जाती है। डिप्रेशन के लिए मादक पदार्थ एक तरीके से ईंधन का काम करता है और यह रोगी की हालत को और खराब कर देता है।

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जेपी हॉस्पिटल में परामर्शदाता मृण्मय कुमार दास ने कहा, 'मादक पदार्थ डिप्रेशन को और बढ़ाता है और उनपर निर्भरता बढ़ने की नौबत आ जाती है। ऐसी स्थिति में डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में यह आत्महत्या तथा खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति में इजाफा कर सकता है। ऐसे लोगों पर स्तरीय इलाज का कोई असर नहीं पड़ता है और उनके स्वस्थ होने में काफी वक्त लग जाता है।'

डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति अगर मादक पदार्थो का सेवन करता है ऐसे में डॉक्टर को भी समस्या की जड़ तक पहुंचने में दिक्कत होती है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में 32.2 करोड़ लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल आबादी का लगभग 4.5 फीसदी लोग डिप्रेशन के शिकार हैं।

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डिप्रेशन या अन्य मानसिक समस्याओं पर खुलकर बात करने से समस्या की पहचान करने और उनका इलाज करने में मदद मिलती है।

शोध में यह बात भी सामने आई है कि भारत जैसे देश में मानसिक रोगों से पीड़ित 27 में से एक व्यक्ति इलाज के लिए चिकित्सक के पास पहुंचता है।

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Source : IANS

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