दो चिकित्सा पैथी को मिलाकर एम्स ने खोजी बीजीआर-34 की नई ताकत
यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मधुमेह रोगियों में दिल से जुड़ी बीमारियों की आशंका को कम किया जा सकता है.
नई दिल्ली:
कोरोना महामारी में मधुमेह रोग को नियंत्रण में लाने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने पहली बार एक ऐसा अध्ययन किया है जिसमें दो-दो चिकित्सा पैथी को मिलाकर बीजीआर-34 की नई ताकत का पता चला है. यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मधुमेह रोगियों में दिल से जुड़ी बीमारियों की आशंका को कम किया जा सकता है. एलोपैथी और बीजीआर-34 इन दो दवाओं को एकसाथ देने से जहां मधुमेह तेजी से कम होता है. वहीं इस रोग की वजह से होने वाले हार्ट अटैक के खतरे को भी कम किया जा सकता है क्योंकि रक्तकोशिकाओं में यह बुरे कोलेस्ट्रोल को जमने नहीं देता है.
इससे पहले तेहरान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक भी एंटी आक्सीडेंट की मात्रा से प्रचुर हर्बल दवाओं के जरिए मधुमेह रोगियों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम होने को लेकर अध्ययन प्रकाशित कर चुके हैं. भारत सरकार के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान (सीएसआईआर) द्वारा विकसित आयुर्वेदिक दवा बीजीआर-34 की एंटी डायबिटिक क्षमता का पता लगाने के लिए एम्स के डॉक्टरों ने यह अध्ययन किया है. एम्स के फार्माकिलॉजी विभाग के डॉ. सुधीर चंद्र सारंगी की निगरानी में हो रहा यह अध्ययन तीन चरणों में किया जा रहा है, जिसका पहला चरण करीब डेढ़ साल की मेहनत के बाद अब पूरा हुआ है. इसके परिणाम बेहद उत्साहजनक मिले हैं.
अध्ययन के अनुसार बीजीआर-34 और एलोपैथिक दवा ग्लिबेनक्लामीड का पहले अलग-अलग और फिर एक साथ परीक्षण किया गया. दोनों ही परीक्षण के परिणामों की जब तुलना की गई तो पता चला कि एकसाथ देने से दोगुना असर होता है. इससे इंसुलिन के स्तर को बहुत तेजी से बढ़ावा मिलता है और लेप्टिन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है. विजयसार, दारुहरिद्रा, गिलोय, मजीठ, गुड़मार और मिथिका जड़ी बूटियों पर लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स और नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट ने गहन अध्ययन के बाद बीजीआर-34 की खोज की थी.
डॉक्टरों का कहना है कि इंसुलिन का स्तर बढ़ने से जहां मधुमेह नियंत्रित होना शुरू हो जाता है वहीं लेप्टिन हार्मोन कम होने से मोटापा और मेटाबॉलिज्म से जुड़े अन्य नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं. इतना ही नहीं इसके इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल में ट्राइग्लिसराइड्स एवं वीएलडीएल का स्तर भी कम हो रहा है जिसका मतलब है कि मधुमेह रोगी में हार्ट अटैक की आशंका कम होने लगती है. यह एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्राल) के स्तर को बढ़ाकर धमनियों में ब्लॉकेज नहीं होने देती है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Upay: देवी लक्ष्मी की चैत्र पूर्णिमा की रात करें ये उपाय, पाएं धन-वैभव और समृद्धि
-
Chaitra purnima 2024: चैत्र पूर्णिमा के दिन गलती से भी न करें ये 5 काम, देवी लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज
-
Kastbhanjan Hanuman Mandir: हनुमान जी से डरकर से यहां शनिदेव ने धारण किया था स्त्री रूप, जानें इस मंदिर की पौराणिक कथा
-
Hanuman Jayanti Upay: नही हो रही धन में वृद्धि और करियर में चाहिए तरक्की, तो आज जरूर करें ये उपाय