भारत बायोटेक और आईसीएमआर की ओर से डेवलप किए गए Covaxin को मंजूरी देने को लेकर उठ रहे सवालों के बीच एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने रविवार को कहा, Covaxinका इस्तेमाल बैकअप के रूप में किया जाएगा. इससे पहले रविवार को ही भारत में बनी दो कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को डीसीजीआई की ओर से आपात इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी गई. एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, अचानक से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर हमें वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी, तब हम भारत बायोटेक की 'Covaxin' को यूज कर सकते हैं.
डा. गुलेरिया ने कहा, जब तक कि हम यह तय नहीं करते कि सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कितनी प्रभावी है, तब तक Covaxin को बैकअप के तौर पर यूज किया जा सकता है. डा. गुलेरिया ने कहा कि शुरुआत में, सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' वैक्सीन ही दी जाएगी. फर्स्ट फेज में 3 करोड़ वैक्सीन का इस्तेमाल करना है. तब तक 'Covaxin' का और भी डाटा सामने आ जाएगा.
इससे पहले कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, जयराम रमेश और शशि थरूर ने पूछा था कि वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले अनिवार्य प्रोटोकॉल और डेटा के सत्यापन का पालन क्यों नहीं किया गया? वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मैं कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा, क्योंकि यह बीजेपी की वैक्सीन है और उन्हें बीजेपी पर भरोसा नहीं है.
Source : News Nation Bureau